Lucknow की सड़कों पर बढ़ता अपराध एक बार फिर सामने आया है। राजधानी के छन्नीलाल चौराहे पर एक शर्मनाक घटना घटी, जब दवा कारोबारी अनुज सोनकर की पत्नी पूर्णिमा सोनकर को उनके देवर की बरात में जाते समय लुटेरों ने निशाना बना लिया। घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया और लोगों के मन में असुरक्षा की भावना गहरी कर दी है।
देवर की बरात, खुशियों का माहौल और फिर आई वारदात
बुधवार रात का समय था, माहौल पूरी तरह शादी की रौनक से भरा हुआ था। कैसरबाग सब्जी मंडी निवासी अनुज सोनकर अपने परिवार के साथ अपने छोटे भाई की बरात में जा रहे थे। उनकी पत्नी पूर्णिमा सोनकर भी स्कूटी पर उनके साथ थीं। जैसे ही दोनों छन्नीलाल चौराहे के पास पहुंचे, उन्होंने पास के एक हॉल में स्कूटी खड़ी की और बरात में शामिल हो गए।
बारात में जोश और मस्ती का माहौल था, लेकिन तभी एक बाइक सवार लुटेरा अचानक आया और पलक झपकते ही पूर्णिमा सोनकर के गले से सोने का हार और मंगलसूत्र झपट कर फरार हो गया।
चीख-पुकार मची, लेकिन लुटेरा भाग निकला
लूट की वारदात होते ही पूर्णिमा ने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू किया। बरात में मौजूद लोगों ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और लुटेरे का पीछा किया, लेकिन वह गोल मार्केट चौराहे की ओर तेज़ रफ्तार में भाग निकला। यह पूरी घटना महज़ कुछ सेकेंडों में घट गई और हर कोई सकते में आ गया।
CCTV फुटेज में कैद हुई वारदात, पर नंबर प्लेट गायब
घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में पूरी वारदात रिकॉर्ड हो गई। फुटेज में बाइक सवार लुटेरा साफ दिखाई दे रहा है, लेकिन पुलिस को मुश्किल इस बात की है कि बाइक पर कोई नंबर प्लेट नहीं है, जिससे उसकी पहचान करना चुनौतीपूर्ण हो गया है।
महानगर पुलिस के इंस्पेक्टर अखिलेश कुमार मिश्र ने बताया कि महिला की तहरीर पर तत्काल लूट का मामला दर्ज कर लिया गया है और टीमें लुटेरे की तलाश में लगातार दबिश दे रही हैं।
बढ़ते अपराध और पुलिस की चुनौतियां
लखनऊ में इस तरह की वारदातें अब आम होती जा रही हैं। खासकर भीड़भाड़ वाले इलाके जैसे छन्नीलाल चौराहा, गोल मार्केट, अलीगंज, चौक, और हुसैनगंज में चोरी, लूट और झपटमारी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
इन वारदातों को रोकने के लिए पुलिस भले ही गश्त और चेकिंग बढ़ा रही है, लेकिन लुटेरे हाईटेक तरीके से वारदात को अंजाम दे रहे हैं — जैसे बिना नंबर प्लेट की बाइक का इस्तेमाल और चेहरा ढककर आना।
शादी-ब्याह में टारगेट बन रहीं महिलाएं
यह पहली घटना नहीं है जब शादी-ब्याह के मौकों पर महिलाएं बदमाशों का निशाना बनी हों। हाल के महीनों में कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें महिलाओं के गहनों की खुलेआम लूट की गई है।
महिलाएं जो पारंपरिक परिधान और भारी गहनों में सजधज कर समारोहों में जाती हैं, वे लुटेरों के लिए आसान शिकार बन जाती हैं। खासकर जब बारात या शादी समारोह खुले स्थान पर हो।
सुरक्षा के लिए क्या हो कदम?
पुलिस प्रशासन के साथ-साथ आम लोगों को भी सतर्क रहने की जरूरत है। कुछ जरूरी सुझाव:
समारोह स्थल के पास पर्याप्त सुरक्षा कर्मी मौजूद रहें।
महिलाओं को भारी गहनों के साथ अकेले न भेजा जाए।
स्कूटी या बाइक से आते वक्त पीछे देखने की आदत डालें।
बारात या भीड़ में रहते हुए मोबाइल और गहनों को ढक कर रखें।
क्षेत्रीय नागरिक समितियां सीसीटीवी कवरेज बढ़ाएं।
लखनऊ पुलिस पर उठ रहे सवाल
इस वारदात ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर CCTV फुटेज में लुटेरा नजर आ रहा है, तो पुलिस को उसकी पहचान और गिरफ्तारी में देर क्यों हो रही है? क्या पुलिस के पास ऐसे अपराधियों की प्रोफाइल नहीं है?
लोगों की राय में, जब तक अपराधियों को कड़ी सजा नहीं मिलेगी और उनका नेटवर्क तोड़ा नहीं जाएगा, तब तक ऐसी घटनाएं रुकने वाली नहीं हैं।
क्षेत्रीय राजनीति पर भी पड़ा असर
लखनऊ के स्थानीय नेताओं और पार्षदों ने भी घटना पर नाराजगी जाहिर की है। भाजपा के कुछ स्थानीय नेताओं ने इसे “कानून व्यवस्था की विफलता” बताया है, वहीं विपक्षी दलों ने इसे योगी सरकार पर हमला करने का अवसर बना लिया है।
भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या प्रयास?
उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग को अब टेक्नोलॉजी का और ज्यादा उपयोग करना होगा। साथ ही, अपराधियों की प्रोफाइलिंग, हाई रिस्क ज़ोन की निगरानी और स्थानीय स्तर पर नागरिक सहभागिता से ही शहर को सुरक्षित बनाया जा सकता है।
फिलहाल लुटेरा फरार, जनता डरी
जब तक लुटेरे की गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक पूर्णिमा सोनकर जैसी पीड़ित महिलाएं और उनका परिवार डरे हुए हैं। सवाल यही है कि क्या लखनऊ जैसे मेट्रो शहर में महिलाएं अब खुद को सुरक्षित महसूस कर सकती हैं?
पुलिस की कोशिशें रंग लाती हैं या नहीं, ये आने वाले दिनों में साफ होगा।