EV Subsidy in UP को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है, जिससे हजारों इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) मालिकों को राहत मिलने वाली है। अब तक जो कार्य सिर्फ उच्च अधिकारियों के स्तर पर होता था, अब उसकी जिम्मेदारी एआरटीओ यानी Assistant Regional Transport Officer को दे दी गई है। इसका मतलब यह हुआ कि अब 15 लाख रुपये तक की EV सब्सिडी की मंजूरी एआरटीओ स्तर पर ही मिल सकेगी।
यह बदलाव न केवल EV उपयोगकर्ताओं की समस्याएं कम करेगा, बल्कि EV खरीद को भी बढ़ावा देगा। यूपी में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ाने के इस प्रयास से न सिर्फ पर्यावरण को फायदा मिलेगा, बल्कि आम जनता को आर्थिक लाभ भी मिलेगा।
लखनऊ बना मिशाल, अब तक 3029 आवेदन – 2540 को मिल चुकी है सब्सिडी
राजधानी लखनऊ में EV subsidy in UP को लेकर सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार:
3029 आवेदन सब्सिडी के लिए प्राप्त हुए।
2540 आवेदनों को स्वीकृति मिल चुकी है और भुगतान हो चुका है।
48 आवेदन पेंडिंग हैं।
334 आवेदन डीलर पॉइंट पर वापस भेजे गए क्योंकि उनमें खामियां थीं।
108 आवेदन ऐसे हैं जो एग्रीगेटर्स या फर्म्स से संबंधित हैं, जिन्हें नीति अनुसार सब्सिडी नहीं मिलनी है।
ARTO प्रदीप कुमार सिंह ने जानकारी दी कि प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाने की दिशा में हर कदम उठाया गया है। हेल्प डेस्क और अधिकारियों की प्रत्यक्ष भागीदारी से अब आवेदकों को लंबी-चौड़ी दौड़ नहीं लगानी पड़ रही है।
आवेदन प्रक्रिया: जाने कैसे मिलेगा आपको EV सब्सिडी का लाभ
upevsubsidy.in पोर्टल को अब अपग्रेड कर दिया गया है, जहां वाहन मालिक स्वयं आवेदन कर सकते हैं। प्रक्रिया इस प्रकार है:
आवश्यक दस्तावेज:
आधार कार्ड
बैंक अकाउंट डिटेल्स (कैंसिल चेक सहित)
पासपोर्ट साइज फोटो
वाहन की खरीद रसीद
केवल व्यक्तिगत गाड़ियों के लिए सब्सिडी
ध्यान देने योग्य बातें:
एक व्यक्ति को केवल एक गाड़ी पर सब्सिडी मिलेगी।
आवेदन में गलत जानकारी देने पर सब्सिडी रद्द कर दी जाएगी और कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
दोपहिया EV मालिकों को अब ARTO कार्यालय में ही समाधान मिलेगा, जिससे उनके आवेदन बढ़े हैं।
क्या कहते हैं EV डीलर्स और वाहन मालिक?
जहां पहले कई डीलर्स दोपहिया EV के लिए समर्थन नहीं कर पा रहे थे, अब ARTO स्तर पर स्वीकृति मिलने से EV बिक्री में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। खासकर ओला जैसे ब्रांड्स की डीलरशिप केवल लखनऊ में होने के बावजूद प्रदेश भर के वाहन मालिकों को अब सहूलियत मिलने लगी है।
अलीगढ़ के EV मालिक रवि गुप्ता कहते हैं:
“पहले हमें लखनऊ जाना पड़ता था सब्सिडी क्लेम करने के लिए, लेकिन अब ARTO ऑफिस में ही सब कुछ हो जाता है।”
उत्तर प्रदेश में EV क्रांति: क्यों जरूरी था यह कदम?
उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक प्रदेश में 30% वाहन इलेक्ट्रिक हों। इसके लिए EV subsidy in UP जैसे प्रयास बेहद आवश्यक हैं। सब्सिडी की प्रक्रिया में बदलाव, अधिकारियों का स्थानीय स्तर पर भाग लेना और ऑनलाइन पोर्टल का अपग्रेडेशन — ये सभी कदम इस लक्ष्य की ओर अहम संकेत हैं।
राज्य सरकार की EV नीति में अब तक कई संशोधन किए जा चुके हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि EV को लेकर नीति-निर्माता कितने गंभीर हैं। साथ ही इन बदलावों से रोजगार, निवेश और पर्यावरण संरक्षण तीनों क्षेत्रों में फायदा देखने को मिल रहा है।
भविष्य की राह: क्या और मिल सकती हैं रियायतें?
सूत्रों के अनुसार, निकट भविष्य में EV चार्जिंग स्टेशन की स्थापना को लेकर भी नीतिगत निर्णय सामने आ सकते हैं। इसके साथ-साथ ईवी खरीदारों को बीमा, रोड टैक्स में छूट और रजिस्ट्रेशन शुल्क माफी जैसी रियायतें देने पर भी मंथन हो रहा है।
EV सब्सिडी में ट्रांसपेरेंसी और ट्रैकिंग – तकनीक बनी मददगार
EV subsidy in UP की प्रक्रिया में डिजिटल मॉनिटरिंग और ट्रैकिंग सिस्टम भी लागू किए गए हैं। इससे आवेदन की स्थिति की जानकारी रियल टाइम में मिलती है। अफसरों को भी तय समय पर कार्रवाई करनी होती है।
ARTO स्तर पर फिजिकल वेरिफिकेशन, दस्तावेज जांच, बैंक खातों का मिलान जैसी प्रक्रियाएं अब ऑटोमेटेड और ट्रैक-आधारित हैं, जिससे भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हो गई है।
EV युग की ओर उत्तर प्रदेश: अब शहरों से गांव तक पहुंचेगी ईवी सब्सिडी
अब जबकि EV subsidy in UP ARTO स्तर पर भी लागू हो गई है, तो यह उम्मीद की जा सकती है कि छोटे कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी EV अपनाने की प्रक्रिया तेज होगी। यहां पहले डीलरशिप न होने, जानकारी की कमी और सहूलियतों की अनुपलब्धता से EV की रफ्तार धीमी थी।
लेकिन अब ARTO स्तर की भागीदारी ने EV क्रांति को जमीनी स्तर पर उतारने का मार्ग प्रशस्त किया है।
अंत में, क्या आपको भी EV सब्सिडी चाहिए?
अगर आपने हाल ही में इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदा है और सब्सिडी का लाभ लेना चाहते हैं, तो upevsubsidy.in पोर्टल पर जाकर जल्द से जल्द आवेदन करें। दस्तावेज सही भरें, और यदि कोई परेशानी हो तो अपने नजदीकी ARTO कार्यालय से संपर्क करें। आपकी सब्सिडी अब मुख्यालय नहीं, आपके शहर में ही स्वीकृत होगी — जल्दी और पारदर्शिता के साथ।