Kannauj जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जिसने समाज की बुनियादी नैतिकताओं को हिला कर रख दिया है। जहां एक ओर शादी से पहले रिश्ते को पवित्रता और विश्वास का प्रतीक माना जाता है, वहीं दूसरी ओर यहां एक युवती को उसी विश्वास ने धोखा दिया। मामला थाना तालग्राम क्षेत्र का है जहां एक युवक ने तिलक के बाद युवती से दुष्कर्म किया और फिर दहेज में कार की मांग कर शादी से इनकार कर दिया। मामला अब कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद गंभीर रूप से सामने आया है।
शादी से पहले बना शारीरिक संबंध, फिर बदल गया इरादा
प्राप्त जानकारी के अनुसार, थाना क्षेत्र के एक गांव की युवती की शादी तालग्राम निवासी सचिन नामक युवक से तय हुई थी। तिलक और गोदभराई की रस्में पूरी हो चुकी थीं और दोनों परिवारों के बीच संबंध मधुर प्रतीत हो रहे थे। इस रस्म में युवती के पिता ने करीब सात लाख रुपये खर्च किए थे। शादी की तारीख 16 जनवरी 2025 तय हो चुकी थी और कार्ड तक छप चुके थे। लेकिन इन रस्मों के बाद ही इस रिश्ते की असली तस्वीर सामने आने लगी।
बताया जा रहा है कि तिलक के बाद सचिन युवती से मिलने आता रहा और विश्वास का फायदा उठाते हुए उसने एक दिन जबरन शारीरिक संबंध बना लिए। युवती के बार-बार मना करने के बावजूद, युवक ने धमकी देकर संबंध बनाए और उसे चुप रहने पर मजबूर किया।
दहेज के नाम पर टूटा रिश्ता: कार की मांग बनी साजिश का कारण
कुछ दिनों बाद युवक और उसका परिवार दहेज के रूप में महंगी कार की मांग करने लगे। युवती के पिता ने आर्थिक रूप से असमर्थता जताई, जिसके बाद मामला पूरी तरह से पलट गया। सचिन और उसके परिजनों ने शादी से इनकार कर दिया और युवती को गालियां देकर जान से मारने की धमकी तक दी।
आरोपितों में शामिल हैं:
सचिन (मुख्य आरोपी)
सचिन की मां
डॉली (सचिन की रिश्तेदार)
गोविंद (मैनपुरी निवासी)
कोमल (गोविंद की बहन)
पीड़िता के अनुसार, इन सभी ने मिलकर मानसिक उत्पीड़न और दहेज का दबाव बनाया।
थाने में नहीं हुई सुनवाई, कोर्ट से मिला इंसाफ
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि युवती ने इस पूरी घटना की जानकारी थाना तालग्राम में दी, लेकिन स्थानीय पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने से मना कर दिया। ऐसे में पीड़िता को कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा, जहां से आदेश के बाद शनिवार को पुलिस ने FIR दर्ज की।
थानाध्यक्ष जेपी शर्मा ने पुष्टि की कि कोर्ट के आदेश पर मामला दर्ज कर लिया गया है और विवेचना जारी है। पुलिस की प्राथमिक जांच में भी आरोप सही पाए गए हैं और जल्द ही आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
समाज में सवाल: कब रुकेगा दहेज और बलात्कार का खेल?
इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर कब तक महिलाएं दहेज और शारीरिक शोषण का शिकार होती रहेंगी? एक ओर सरकार “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” का नारा देती है, दूसरी ओर समाज में ऐसे लोग हैं जो बेटियों के सपनों को कुचलने में कोई कसर नहीं छोड़ते।
कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठते हैं कि जब थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं होती, तब पीड़िता को मजबूरी में कोर्ट का सहारा लेना पड़ता है। क्या यह हमारी न्याय व्यवस्था की कमजोरी नहीं दर्शाता?
पिछले सालों में भी सामने आए ऐसे कई मामले
यह कोई पहला मामला नहीं है जब शादी से पहले शारीरिक शोषण और बाद में दहेज के नाम पर रिश्ता तोड़ने की घटनाएं सामने आई हैं।
2023 में मेरठ में भी ऐसा ही मामला सामने आया था, जहां युवक ने तिलक के बाद संबंध बनाए और फिर महंगी बाइक की मांग कर शादी से इंकार कर दिया।
लखनऊ में 2022 में, एक लड़की ने कोर्ट में हलफनामा देकर बताया कि आरोपी ने उसे शादी का झांसा देकर लगातार दो वर्षों तक शारीरिक शोषण किया।
महिला अधिकार कार्यकर्ताओं की मांग: दहेज और बलात्कार के मामलों में सख्त कानून जरूरी
कई महिला अधिकार संगठनों ने इस घटना की निंदा की है और मांग की है कि ऐसे मामलों में आरोपियों को बिना ज़मानत जेल भेजा जाए। सामाजिक कार्यकर्ता रीमा का कहना है कि शादी से पहले संबंध बनाकर फिर दहेज के नाम पर रिश्ता तोड़ना न सिर्फ अमानवीय है बल्कि कानूनन अपराध भी है। उन्होंने पुलिस और प्रशासन से ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करने की मांग की।
पुलिस का रुख: आरोपियों की तलाश में छापेमारी शुरू
FIR दर्ज होने के बाद पुलिस ने सक्रियता दिखाई है। सूत्रों के अनुसार, आरोपी युवक सचिन फरार हो गया है, लेकिन पुलिस उसकी तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है। अन्य आरोपियों की भूमिका की भी जांच हो रही है और जल्द ही पूछताछ के लिए हिरासत में लिए जाने की संभावना है।
क्या कहती है IPC और दहेज कानून?
इस मामले में IPC की धारा 376 (बलात्कार), 506 (धमकी), और दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 की धाराएं लागू होती हैं। यदि कोर्ट में आरोप सिद्ध होते हैं तो मुख्य आरोपी को 10 साल या उससे अधिक की सजा हो सकती है।
अब आगे क्या?
अब देखना यह है कि पीड़िता को न्याय कब और किस रूप में मिलता है। पुलिस की विवेचना और कोर्ट की सुनवाई आने वाले समय में पूरे केस की दिशा तय करेगी। इस केस ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि समाज में लड़कियों के लिए रिश्ते निभाने से ज्यादा, खुद को बचाना एक चुनौती बन चुका है।