Meerut शहर में एक बार फिर से बंगाल के कारीगरों द्वारा सराफा कारोबारियों के साथ बड़ी ठगी का मामला सामने आया है। देहली गेट थाना क्षेत्र के नील गली में स्थित प्रतिष्ठित ज्वेलर्स दलीप सिंह लोधी और संजीव सिंह लोधी की दुकान से करीब 355 ग्राम सोना, जिसकी कीमत लगभग ₹34 लाख बताई जा रही है, तीन बंगाली कारीगर लेकर फरार हो गए हैं। यह घटना न केवल मेरठ बल्कि पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ज्वेलर्स के लिए खतरे की घंटी बन चुकी है।
बारीकी से रचा गया था ठगी का जाल
फरार कारीगरों की पहचान पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के पबीर मंडल, संदीप पांजा, और समीर मंडल के रूप में हुई है। इन तीनों को कुछ दिन पहले आभूषण निर्माण के लिए दुकान में रखा गया था। दलीप सिंह और संजीव सिंह ने 26 अप्रैल को उन्हें लगभग 250 ग्राम सोना सौंपा था, जिसे वे 6 मई तक तैयार कर लौटाने वाले थे।
लेकिन शनिवार सुबह जब दुकान खोली गई, तो कारीगरों की दुकान बंद पाई गई। उनके मोबाइल बंद थे और जब उनके निवास स्थान पर जाकर देखा गया तो वहां भी ताला लटक रहा था। यही नहीं, तपन मन्ना नामक एक अन्य सराफ, जिनकी दुकान मुसद्दीलाल मार्केट में है, ने भी आरोपियों को 110 ग्राम सोना सौंपा था, जिसकी डिलीवरी 7 मई को होनी थी। अब वे भी ठगी के शिकार हो गए हैं।
पुलिस ने दर्ज की रिपोर्ट, बढ़ाया गया सत्यापन अभियान
पीड़ित सराफों की शिकायत पर देहली गेट थाना में मामला दर्ज कर लिया गया है। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने जानकारी दी कि आरोपियों की तलाश के लिए टीमों का गठन किया गया है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस घटना के बाद मेरठ के सराफा बाजार में हड़कंप मच गया है।
वर्षभर में सामने आए हैं कई ऐसे मामले
यह कोई पहली बार नहीं है जब बंगाल के कारीगरों ने इस तरह की ठगी की हो। पिछले एक साल में मेरठ में ऐसे 10 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें लाखों-करोड़ों का सोना लेकर कारीगर भाग निकले।
कुछ प्रमुख घटनाएं जो इसी पैटर्न पर घटीं:
22 फरवरी 2025: कोतवाली क्षेत्र के सराफ बादशाह मुल्ला से 175 ग्राम सोना लेकर कारीगर दीपक फरार हो गया। धमकी देकर निकल गया।
31 जनवरी 2025: देहली गेट क्षेत्र से कृष्पेंदु भुक्ता का 100 ग्राम सोना लेकर बंगाल निवासी कारीगर भाग गया।
13 अक्तूबर 2024: सराफ सुदीप भुईया का 23.50 लाख का सोना ले उड़ा कारीगर।
9 सितंबर 2024: नील गली निवासी सराफ हैदर अली के पार्टनर उत्तम कुंडलिक ने लगभग दो करोड़ का सोना लेकर चंपत हो गया।
12 अगस्त 2024: सराफ संजय रस्तोगी का 205 ग्राम सोना कारीगर लेकर गायब।
क्यों बार-बार निशाना बना रहे हैं बंगाल के कारीगर?
जांच में सामने आया है कि कई बंगाली कारीगर फर्जी पहचान पत्र और फर्जी पते देकर मेरठ के सराफा बाजार में काम शुरू कर देते हैं। उनका उद्देश्य होता है कुछ हफ्तों में भरोसा जीतना और फिर सोने के आभूषण या कच्चा सोना लेकर फरार हो जाना। ये कारीगर आमतौर पर हुगली, हावड़ा, और उत्तर 24 परगना जिलों से आते हैं।
सत्यापन प्रक्रिया में खामियां, पुलिस की लापरवाही भी उजागर
पिछले वर्ष जब ऐसे मामलों में बढ़ोतरी हुई थी, तब मेरठ पुलिस ने एक विशेष सत्यापन अभियान चलाया था। लेकिन कई कारीगरों का वेरिफिकेशन अधूरा रह गया। अब जब ताजा घटना सामने आई है, तब पुलिस फिर से इसी दिशा में काम शुरू कर रही है। सवाल यह है कि अगर पहले ही सख्त कार्रवाई की गई होती, तो क्या इस तरह की घटनाएं रुक सकती थीं?
सराफा व्यापारियों की मांग: सख्त कानून और डिजिटल ट्रैकिंग
Meerut के सराफा व्यापारियों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे कारीगरों के लिए एक डिजिटल रजिस्ट्रेशन सिस्टम शुरू किया जाए, जिसमें आधार, पते, बैंक डिटेल और गारंटर की जानकारी अनिवार्य हो। साथ ही, किसी भी कारीगर को काम पर रखने से पहले पुलिस वेरिफिकेशन और ट्रेड यूनियन से मंजूरी जरूरी होनी चाहिए।
आखिर कब थमेगा ये सिलसिला?
मेरठ में सराफा व्यवसाय से हजारों लोग जुड़े हैं, जिनकी रोजी-रोटी इस व्यापार पर निर्भर है। अगर बार-बार इसी तरह सोना लेकर कारीगर भागते रहे, तो यह कारोबार संकट में पड़ जाएगा। पुलिस और प्रशासन को चाहिए कि वे ऐसे मामलों पर त्वरित और कड़ी कार्रवाई करें।