Varanasi से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को सदमे में डाल दिया है। भोजूबीर की भीड़भाड़ वाली सब्जी मंडी के पास सोमवार की सुबह उस वक्त कोहराम मच गया, जब एक साधारण-सा घर भयावह हादसे का गवाह बन गया। इस हादसे में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई—वो भी चंद सेकंडों में।
दर्दनाक हादसा वाराणसी के कैंट थाने के अर्दली बाजार चौकी क्षेत्र अंतर्गत भोजूबीर मोहल्ले में हुआ, जहां बिजली के करंट ने एक परिवार की खुशियों को राख में बदल दिया। प्रीति जायसवाल (28) अपने रोजमर्रा के काम में लगी थी, जब यह हादसा हुआ। नहाने के बाद जैसे ही उन्होंने लोहे की तार से बने हेंगर पर कपड़े फैलाने की कोशिश की, तभी वाटर पंप का खुला तार किसी तरह से लोहे के हेंगर से टकरा गया।
जैसे ही लोहे के संपर्क में करंट आया, प्रीति जोर से चीखती हुई गिर पड़ी। उसकी चीखें सुनकर पति सोनू जायसवाल (30) दौड़कर मौके पर पहुंचे। अपनी पत्नी को तड़पता देख वो बिना कुछ सोचे समझे उसे बचाने में लग गए। लेकिन करंट की चपेट में आते ही वो भी झुलस गए। इस खौफनाक मंजर को देखकर पिता राजेंद्र जायसवाल (65) दौड़े, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। जैसे ही उन्होंने अपने बेटे-बहू को बचाने की कोशिश की, वह भी उसी करंट की चपेट में आ गए।
तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। यह मंजर इतना भयानक था कि आसपास के लोग कुछ देर तक समझ ही नहीं पाए कि हुआ क्या है।
मासूम बच्चियों पर टूटा दुखों का पहाड़
सोनू और प्रीति की दो बेटियां हैं—शिवांगी, जो केवल 9 साल की है और पहली कक्षा में पढ़ती है, जबकि छोटी बेटी नैंसी मात्र 4 साल की है। घटना के समय शिवांगी स्कूल में थी और नैंसी घर में ही खेल रही थी। स्कूल से घर लौटी शिवांगी को जैसे ही हादसे की जानकारी मिली, वह फूट-फूट कर रोने लगी। दोनों बच्चियों का भविष्य अब अनिश्चितता के अंधेरे में खो गया है।
मौके पर पहुंची पुलिस, शुरू हुई जांच
घटना की जानकारी मिलते ही अर्दली बाजार चौकी प्रभारी मौके पर पहुंचे और पूरी स्थिति का जायजा लिया। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह हादसा बिजली के करंट की वजह से हुआ, और इसमें किसी तरह की साजिश की बात सामने नहीं आई है। हालांकि, घटनास्थल की फोरेंसिक जांच कराई जाएगी ताकि यह स्पष्ट हो सके कि तार आखिर हेंगर से कैसे टकराया।
बिजली विभाग की लापरवाही या घरेलू चूक?
स्थानीय लोगों का मानना है कि बिजली विभाग की लापरवाही और खुले तारों की वजह से ऐसे हादसे आम हो चले हैं। भोजूबीर समेत कई इलाकों में खुले में पड़ी बिजली की तारें जानलेवा बन चुकी हैं। ऐसे में सवाल उठता है—क्या यह हादसा रोका जा सकता था? क्या अगर समय रहते बिजली की उचित वायरिंग और सुरक्षा उपकरण लगे होते तो तीन जानें बच सकती थीं?
वाराणसी में बढ़ रहे हैं करंट से होने वाले हादसे
यह कोई पहला मामला नहीं है जब वाराणसी में करंट से किसी की जान गई हो। पिछले कुछ वर्षों में शहर के अलग-अलग हिस्सों में कई दर्दनाक घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें लापरवाही के चलते लोगों की जानें गई हैं। खासकर बारिश के मौसम में खुले तार और जलभराव की स्थिति मिलकर मौत को न्योता देने जैसा बन जाती है।
कुछ महीने पहले ही शहर के दशाश्वमेध घाट इलाके में एक 10 वर्षीय बच्चे की मौत करंट लगने से हुई थी, जब वह पानी में खेल रहा था और पास ही एक लटकता तार छू गया। वहीं, लहरतारा क्षेत्र में एक दुकानदार भी खुले बॉक्स से निकले तार की चपेट में आकर जान गंवा बैठा था।
प्रशासन और नगर निगम की चुप्पी पर सवाल
ऐसे हादसे लगातार होने के बावजूद स्थानीय प्रशासन और नगर निगम की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। लोगों में रोष है कि प्रशासन हादसे के बाद ही हरकत में आता है, जबकि पहले से सतर्कता बरती जाए तो जानें बच सकती हैं। क्षेत्रीय पार्षद से लेकर नगर निगम तक सभी को चेताया गया था कि इलाके में पुराने बिजली उपकरण और वायरिंग बदलनी चाहिए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
पीड़ित परिवार के लिए सरकार की ओर से मुआवजा
वाराणसी जिला प्रशासन ने पीड़ित परिवार के लिए ₹10 लाख तक के मुआवजे की घोषणा की है। जिलाधिकारी ने कहा है कि इस मामले में विद्युत विभाग से जवाब तलब किया जाएगा। वहीं, स्थानीय विधायक ने भी इस घटना को बेहद दुखद बताया और आश्वासन दिया कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों, इसके लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
भविष्य में इस तरह की घटनाओं से कैसे बचा जा सकता है?
विशेषज्ञों की मानें तो ऐसी घटनाओं से बचने के लिए नियमित रूप से घरेलू वायरिंग की जांच करानी चाहिए। वाटर पंप, गीजर और अन्य विद्युत उपकरणों को अर्थिंग से जोड़ना चाहिए। बच्चों को भी सिखाना चाहिए कि वे बिजली के उपकरणों और तारों से दूर रहें। साथ ही प्रशासन को खुले तारों और अव्यवस्थित वायरिंग पर सख्त कार्यवाही करनी चाहिए।
स्थानीय लोगों की आंखों में आंसू, दिलों में दहशत
घटना के बाद भोजूबीर मोहल्ले में सन्नाटा पसरा हुआ है। हर किसी की आंखें नम हैं, और दिल में खौफ। लोग एक-दूसरे से यही कह रहे हैं—”ये हादसा हमारे घर में भी हो सकता था।” क्षेत्रीय समाजसेवियों ने मृतकों की आत्मा की शांति के लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया और स्थानीय प्रशासन से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।