Hathras जिले के बिसावर क्षेत्र में एक सात वर्षीय बच्ची से हुए दुष्कर्म मामले में विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) चित्रा शर्मा की अदालत में 2 मई को एक महत्वपूर्ण गवाही हुई। इस मामले में दसवें गवाह के रूप में एक छह वर्षीय बच्ची ने गवाही दी, जो पीड़िता के साथ घटना के समय मौजूद थी। इसके साथ ही, अब तक इस मामले में कुल दस गवाहों की गवाही हो चुकी है। अदालत में गवाही देने के बाद यह मामला एक नए मोड़ पर पहुंच गया है। अगली सुनवाई 6 मई 2025 को होगी, जिसमें मामले की आगे की प्रक्रिया तय की जाएगी।
सात साल की बच्ची से दुष्कर्म: आरोपी की गिरफ्तारी
यह घटनाक्रम 16 मार्च 2025 को तब सामने आया था जब एक युवक ने सात वर्षीय बच्ची को बहला-फुसलाकर थाना सादाबाद के बिसावर क्षेत्र में उसके साथ दुष्कर्म किया। इस अपराध की सूचना मिलने के बाद, पुलिस ने तत्काल आरोपी अमन खां को गिरफ्तार किया और उसे जेल भेज दिया। आरोपी की गिरफ्तारी के बाद से ही इस मामले ने समाज में गंभीर चर्चा शुरू कर दी थी और स्थानीय लोग बेहद आक्रोशित थे। दुष्कर्म की घटना ने पूरे जिले को दहला दिया, और इसके खिलाफ जनता का गुस्सा सड़कों तक फैल गया था।
इस घटना का विरोध करते हुए कुरसंडा, मई और बिसावर के बाजार बंद रहे थे। क्षेत्र के लोगों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए प्रदर्शन किए थे। इस मामले को लेकर पीड़िता और उसके परिवार के साथ-साथ पूरी समाज को न्याय की उम्मीद है।
विशेष न्यायालय में सुनवाई की प्रक्रिया
दुष्कर्म मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश चित्रा शर्मा के न्यायालय में चल रही है, जो विशेष रूप से पॉक्सो एक्ट के तहत मामलों की सुनवाई करती हैं। इस केस में अब तक पीड़िता, उसके माता-पिता और अन्य नौ गवाहों की गवाही हो चुकी है। इन गवाहों के बयान से मामले में कई अहम तथ्यों का खुलासा हुआ है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में तेजी आई है।
2 मई को, मामले की दसवीं गवाही देने वाली गवाह एक छह वर्षीय बच्ची थी, जो पीड़िता के साथ उस दिन दुकान पर गई थी जब दुष्कर्म की घटना घटी। इस बच्ची ने अपनी गवाही में पीड़िता के साथ हुई घटना के बारे में महत्वपूर्ण बातें साझा की। इसके बाद, बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने गवाह से जिरह की, लेकिन गवाही देने वाली बच्ची ने स्पष्ट रूप से अपनी बात रखी, जो अदालत के लिए अहम साबित हो सकती है।
आरोपियों के खिलाफ न्याय की उम्मीद
इस जघन्य अपराध के खिलाफ कुरसंडा, बिसावर और आसपास के क्षेत्रों में लोगों में गुस्सा देखा गया। गुस्से के बाद स्थानीय बाजारों में बंदी का आह्वान किया गया और लोगों ने सख्त सजा की मांग की। इस मामले में स्थानीय संगठनों और नागरिकों ने कड़ा विरोध प्रदर्शन करते हुए यह साफ किया कि बच्चियों के खिलाफ अपराधों को लेकर कोई भी नरमी नहीं बरती जानी चाहिए।
इस घटना के बाद, किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाए इस संबंध में स्थानीय पुलिस और प्रशासन भी गंभीर नजर आ रहा है। पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए पूरी प्रशासनिक टीम जुटी हुई है।
अगली सुनवाई का महत्व और न्याय की उम्मीद
अब तक की गवाहियों में एक छह वर्षीय बच्ची के बयान ने मामले में एक नई दिशा दी है, जो इस अपराध की गंभीरता को और स्पष्ट करता है। पीड़िता और उसकी माता-पिता के बयान, साथ ही अन्य गवाहों की गवाही से मामला और मजबूत हो सकता है।
6 मई 2025 को होने वाली अगली सुनवाई इस मामले के अगले कदम को तय करेगी। न्यायालय में यह सुनवाई बहुत महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि इसमें अदालत यह फैसला कर सकती है कि क्या आगे इस मामले में नया मोड़ आ सकता है या फिर इसे जल्दी सुलझाने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कानूनी प्रक्रिया और पीड़िता को न्याय दिलाने की चुनौती
कानूनी दृष्टिकोण से देखा जाए तो, दुष्कर्म के मामलों में पॉक्सो एक्ट के तहत दी जाने वाली सजा की प्रक्रिया काफी सख्त है। इसके तहत दोषियों को न्यूनतम सजा से लेकर कड़ी सजा तक दी जा सकती है, जिससे समाज में ऐसे अपराधों पर काबू पाया जा सके। इस मामले में अदालत की कार्रवाई तेज़ हो रही है, और सभी की निगाहें कड़ी सजा की ओर टिकी हुई हैं।
वहीं, इस मामले की सुनवाई में पीड़िता और उसके परिवार को न्याय दिलाने की लंबी लड़ाई का सामना करना पड़ा है, लेकिन पूरी न्यायिक प्रक्रिया में विश्वास और उम्मीद जताई जा रही है।
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