Mathura एक डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) प्रशिक्षु शिक्षक ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए नाबालिग छात्राओं के साथ अशोभनीय हरकतें कीं। उस पर आरोप है कि वह छात्राओं से छेड़छाड़ करता था और मोबाइल फोन पर अश्लील वीडियो दिखाकर उन्हें डराता-धमकाता था। जब पीड़ित छात्राओं ने हिम्मत जुटाकर शिकायत की, तो पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
कैसे उजागर हुआ पूरा मामला?
स्कूल की एक शिक्षिका ने बताया कि कुछ छात्राओं ने उनसे शिकायत की कि वह प्रशिक्षु शिक्षक उनके साथ गलत व्यवहार कर रहा है। शुरू में तो शिक्षिका को यकीन नहीं हुआ, लेकिन जब कई छात्राओं ने एक जैसी बात कही, तो उन्होंने मामले को गंभीरता से लिया। छात्राओं ने बताया कि आरोपी शिक्षक उन्हें अकेले में बुलाता था और अश्लील वीडियो दिखाकर उन्हें परेशान करता था। जब कुछ छात्राओं ने विरोध किया, तो उसने उन्हें डराने-धमकाने की कोशिश की।
पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई
जैसे ही पुलिस को इस घटना की जानकारी मिली, कोतवाली छाता के प्रभारी निरीक्षक विनोद बाबू मिश्रा ने तुरंत टीम को स्कूल भेजा। आरोपी शिक्षक को हिरासत में लेकर उसके मोबाइल फोन की जांच शुरू कर दी गई। सीओ छाता आशीष कुमार शर्मा ने बताया कि मामला संवेदनशील है और पीड़ित छात्राओं व उनके अभिभावकों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। जल्द ही आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अभिभावकों में मचा हड़कंप
जब इस घटना की खबर अभिभावकों तक पहुंची, तो वे स्कूल और पुलिस थाने पहुंच गए। कई अभिभावकों ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उनका कहना है कि स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शिक्षकों की पृष्ठभूमि की जांच होनी चाहिए।
स्कूल प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
इस पूरे मामले में स्कूल प्रशासन की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। कई लोगों का सवाल है कि आखिर इतने दिनों तक शिक्षक की हरकतों पर किसी ने ध्यान क्यों नहीं दिया? क्या स्कूल प्रबंधन लापरवाही बरत रहा था? अब शिक्षा विभाग से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग उठने लगी है।
क्या कहता है कानून?
नाबालिग छात्राओं के साथ छेड़छाड़ और अश्लील सामग्री दिखाना गंभीर अपराध है। भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354 (छेड़छाड़), धारा 506 (धमकी), और पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपी पर मुकदमा चलाया जा सकता है। अगर आरोप सिद्ध होते हैं, तो उसे कड़ी सजा हो सकती है।
समाज और शिक्षा व्यवस्था पर उठते सवाल
यह घटना एक बार फिर समाज और शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। क्या स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर पर्याप्त प्रावधान हैं? क्या शिक्षकों की नैतिक जांच होती है? इस मामले ने अभिभावकों के मन में एक बार फिर डर पैदा कर दिया है कि कहीं उनके बच्चे भी ऐसे शिक्षकों के शिकार तो नहीं बन रहे?
पुलिस की चेतावनी: ऐसे मामलों को दबाएं नहीं
पुलिस ने अभिभावकों और छात्रों से अपील की है कि अगर कभी कोई शिक्षक या अन्य व्यक्ति उनके साथ गलत व्यवहार करे, तो तुरंत शिकायत करें। ऐसे मामलों को दबाने से अपराधी बच निकलते हैं और दूसरों को भी प्रोत्साहन मिलता है।
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