Aligarh के कोतवाली क्षेत्र में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब शहर के भीड़भाड़ वाले आतिशबाजान मोहल्ले में हथियारबंद बदमाशों ने एक ताला कारोबारी के घर धावा बोल दिया। बुजुर्ग महिला को बंधक बनाकर लूटपाट की यह घटना 21 मई की शाम को उस समय हुई जब कारोबारी नमाज पढ़ने मस्जिद गए थे। बदमाशों ने मौके का फायदा उठाकर करीब 14 लाख रुपये की नकदी और कीमती जेवरात लूट लिए।
मास्टर प्लान के तहत रची गई थी लूट की साजिश
यह वारदात सामान्य चोरी नहीं थी, बल्कि एक सोची-समझी, योजनाबद्ध साजिश थी। लुटेरों को पता था कि घर में बुजुर्ग महिला अकेली हैं और उनका बेटा नमाज के लिए बाहर गया हुआ है। उन्होंने मौके का फायदा उठाया और न सिर्फ लूट की, बल्कि महिला को भी बंधक बना डाला। इससे साफ है कि अपराधियों ने पहले से रेकी की थी।
23 मई की सुबह पुलिस चेकिंग और फिर मुठभेड़
घटना के दो दिन बाद यानी 23 मई को सुबह चार बजे, मथुरा हाईवे पुल के नीचे कोतवाली पुलिस चेकिंग कर रही थी। तभी एक संदिग्ध लाल रंग की कार को रोकने की कोशिश की गई। गाड़ी में बैठे बदमाशों ने रफ्तार बढ़ाई और भागने की कोशिश की। पुलिस ने उनका पीछा किया। तेज रफ्तार में भागती गाड़ी कीचड़ में फंस गई।
इसके बाद दो बदमाशों ने बाहर निकलकर पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में दोनों के पैर में गोली लगी और वे घायल हो गए। उन्हें तत्काल मलखान सिंह जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया।
गिरफ्त में आए दोनों कुख्यात बदमाश: शाहरुख और नावेद
शाहरुख पुत्र नईम, निवासी टनटनपाड़ा थाना देहलीगेट, अलीगढ़
नावेद पुत्र शकील अहमद, निवासी टीला ऊपर कोट थाना कोतवाली नगर, अलीगढ़
ये दोनों नाम अलीगढ़ के अपराध जगत में हिस्ट्रीशीटर और गैंगस्टर के रूप में जाने जाते हैं। पुलिस के अनुसार, इनके खिलाफ पहले से कई मुकदमे दर्ज हैं।
बरामदगी: लूट के सामान और अवैध हथियार भी मिले
पुलिस को लुटेरों की गिरफ्तारी के बाद जो सामान बरामद हुआ है, वह इस घटना की गंभीरता को दर्शाता है:
एक सोने की चेन और पेंडल
एक सोने की अंगूठी
₹87,000 नकद
एक अवैध पिस्टल (.32 बोर), एक जिंदा और एक खोखा कारतूस
एक देसी तमंचा (315 बोर) और एक जिंदा कारतूस
इन सभी बरामद वस्तुओं से यह स्पष्ट होता है कि बदमाश बड़ी तैयारी के साथ आए थे।
बुजुर्ग महिला की बहादुरी और खौफनाक मंजर
लूट के दौरान घर में मौजूद बुजुर्ग महिला ने अपने साहस से लुटेरों को डराने की कोशिश की, लेकिन वे हथियारों से लैस थे। उन्होंने महिला को धमकाया, बांधा और जबरन अलमारी से सामान निकाल लिया। यह पूरा वाकया महिला के लिए किसी दहशत भरे सपने जैसा रहा।
तीन और फरार, पुलिस की दबिश जारी
हालांकि दो बदमाश गिरफ्तार हो चुके हैं, लेकिन पुलिस के अनुसार इस गिरोह के तीन और सदस्य फरार हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए टीमें लगातार दबिश दे रही हैं। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही पूरे गिरोह को धर दबोचा जाएगा।
क्यों जरूरी है ऐसे अपराधियों का सफाया?
अलीगढ़ जैसे शहर में दिनदहाड़े ऐसी घटनाएं कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं। यदि समय पर पुलिस कार्रवाई न होती, तो शायद यह गिरोह और भी बड़ी वारदातों को अंजाम देता। इस घटना ने यह भी साबित कर दिया कि अपराधी कितने शातिर होते जा रहे हैं और उनकी योजनाएं अब और भी घातक हो चुकी हैं।
पुलिस की रणनीति और आधुनिक तकनीकों का कमाल
इस मुठभेड़ को अंजाम देने में पुलिस की स्मार्ट चेकिंग, आधुनिक संचार प्रणाली और कर्मियों की सतर्कता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हाईवे पर तैनात पुलिस टीम ने न केवल शक के आधार पर गाड़ी को रोका, बल्कि पीछा करके दो कुख्यात बदमाशों को दबोच भी लिया।
अलीगढ़ पुलिस की इस कार्रवाई की शहरवासियों ने सराहना की है। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने पुलिस की तत्परता की जमकर तारीफ की है।
क्या कहती है पुलिस?
सीओ कोतवाली ने प्रेस को बताया कि, “यह एक बड़ी लूट का मामला था और हमारी टीम की सजगता से दो अपराधी गिरफ्तार हो चुके हैं। बाकी फरार अपराधियों की तलाश की जा रही है। जल्द ही पूरे गैंग का खुलासा होगा।”
अलीगढ़ में बढ़ते अपराध और प्रशासन की चुनौती
पिछले कुछ महीनों में अलीगढ़ में चोरी, लूट और गोलीबारी की घटनाएं बढ़ी हैं। इसके चलते आम नागरिकों में भय का माहौल पनपने लगा था। हालांकि हालिया कार्रवाई ने जनता में पुलिस के प्रति विश्वास को दोबारा मजबूत किया है।
आमजन अब यही उम्मीद कर रहा है कि पुलिस इस तरह की मुहिम को लगातार जारी रखे और शहर को अपराधमुक्त बनाए।
**निष्कर्ष नहीं, चेतावनी:** अलीगढ़ में हुई इस दुस्साहसिक लूट और उसके बाद की मुठभेड़ ने दिखा दिया है कि अपराधियों के मन से कानून का डर खत्म नहीं हुआ है, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी ने यह भी साबित किया है कि जुर्म अब ज्यादा दिनों तक छुपा नहीं रह सकता। जनता को चाहिए कि ऐसी घटनाओं की सूचना तुरंत पुलिस को दें और सतर्क रहें।