
Lucknow के गाजीपुर थाना क्षेत्र में शुक्रवार तड़के एक सनसनीखेज मुठभेड़ में प्रॉपर्टी डीलर मुर्सलीन पर गोली चलाने के मामले में आरोपी फरमान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। तकरोही निवासी फरमान की गिरफ्तारी उस समय हुई जब वह आम्रपाली इलाके में चेकिंग के दौरान पुलिस को देख भागने की कोशिश कर रहा था।
मुठभेड़ की कहानी: जब भागते-भागते खंभे से टकरा गई कार
शुक्रवार तड़के करीब 4 बजे गाजीपुर थाना पुलिस ए-ब्लॉक आम्रपाली क्षेत्र में रूटीन वाहन चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान एक संदिग्ध सफेद रंग की कार आते हुए दिखी। पुलिस ने जब वाहन को रुकने का इशारा किया तो चालक फरमान ने रफ्तार बढ़ा दी। इसके बाद शुरू हुआ हाई वोल्टेज पीछा।
कुछ ही दूरी पर कार अनियंत्रित होकर एक खंभे से टकरा गई। इसके बाद आरोपी ने गाड़ी से उतरकर पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोली चलाई जिसमें फरमान के पैर में गोली लगी और वह वहीं गिर पड़ा।
मौके से मिला हथियार, कार और कारतूस
मुठभेड़ के बाद पुलिस ने मौके से एक देसी तमंचा, कारतूस और वही कार बरामद की जो घटना में इस्तेमाल हुई थी। पुलिस का कहना है कि इसी गाड़ी से फरमान और उसके साथी ने प्रॉपर्टी डीलर मुर्सलीन पर गोलियां बरसाई थीं।
कौन है आरोपी फरमान?
फरमान, जो तकरोही इलाके का रहने वाला है, पर पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। उसका आपराधिक इतिहास बेहद खौफनाक है। मुर्सलीन पर फायरिंग में वह मुख्य साजिशकर्ता में से एक था। पुलिस के अनुसार, फरमान गैंगस्टर छवि का व्यक्ति है और कई बार पहले भी जेल जा चुका है।
गोलीकांड की वजह: खाना खिलाने से हुआ विवाद
जानकारी के मुताबिक, घटना की जड़ एक बेहद मामूली बात थी – “खाना खिलाने को लेकर विवाद।” बताया जा रहा है कि मुर्सलीन और फरमान के बीच किसी दावत को लेकर कहासुनी हो गई थी। इसी बात का बदला लेने के लिए फरमान ने साथियों संग मिलकर मुर्सलीन पर हमला कर दिया।
पुलिस का बड़ा खुलासा: फरमान ही था फायरिंग का मास्टरमाइंड
डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि गाजीपुर पुलिस को कई दिनों से फरमान की तलाश थी। मुर्सलीन पर फायरिंग की साजिश में उसकी भूमिका पूरी तरह से स्पष्ट हो चुकी थी। पुलिस पहले ही उसके साथियों को गिरफ्तार कर चुकी थी और फरमान फरार था।
दर्ज हैं कई मुकदमे, हिस्ट्रीशीटर घोषित
फरमान पर लखनऊ और उसके आसपास के थानों में कई गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। हत्या की कोशिश, अवैध हथियार रखना, मारपीट और धमकी जैसे आरोपों में वह पहले भी गिरफ्तार हो चुका है। पुलिस अब उसके गैंग से जुड़े अन्य अपराधियों की भी तलाश में जुट गई है।
डीसीपी की रणनीति और गाजीपुर पुलिस की मुस्तैदी
डीसीपी शशांक सिंह के नेतृत्व में गाजीपुर थाना पुलिस की सक्रियता और रणनीति ने एक बड़े अपराधी को पकड़ने में सफलता दिलाई है। पुलिस के तेज़ एक्शन और बेहतरीन तालमेल से एक बड़ा अपराध टल गया, जिससे आम नागरिकों का भरोसा पुलिस पर और मजबूत हुआ है।
लोगों में दहशत, लेकिन राहत की सांस
घटना के बाद आम्रपाली और आसपास के इलाकों में दहशत फैल गई थी, लेकिन फरमान की गिरफ्तारी से लोगों ने राहत की सांस ली है। स्थानीय लोगों ने पुलिस की कार्रवाई की सराहना की है। कई लोगों ने कहा कि अपराधियों को इसी तरह से कानून का डर दिखाया जाना चाहिए।
अब आगे की कार्रवाई में जुटी पुलिस
फरमान को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसके ठीक होने के बाद उससे विस्तृत पूछताछ की जाएगी। पुलिस उम्मीद कर रही है कि पूछताछ में गैंग के अन्य सदस्यों और अन्य वारदातों का खुलासा हो सकता है। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि क्या यह हमला किसी बड़े गैंगवार की साजिश का हिस्सा था।
लखनऊ में बढ़ती अपराध की घटनाएं और पुलिस की सख्ती
लखनऊ में पिछले कुछ समय से प्रॉपर्टी विवाद और निजी दुश्मनी के चलते आपराधिक वारदातों में इजाफा देखा जा रहा है। लेकिन गाजीपुर पुलिस की इस कार्रवाई ने यह साफ कर दिया है कि अपराधियों को अब किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
फोकस कीवर्ड का प्रभाव: Lucknow Encounter में आया नया मोड़
इस घटना ने लखनऊ एनकाउंटर को फिर से चर्चा में ला दिया है। फरमान जैसे अपराधियों की गिरफ्तारी से पुलिस की सक्रियता सामने आती है। “Lucknow Encounter” अब केवल शब्द नहीं, बल्कि अपराध के खिलाफ एक सख्त संदेश बन चुका है।
लखनऊ पुलिस की सक्रियता और गाजीपुर थाना क्षेत्र की मुस्तैदी ने यह साबित कर दिया है कि अपराध चाहे जितना भी संगीन हो, कानून के हाथ लंबे हैं। फरमान की गिरफ्तारी इस बात की मिसाल है कि अब लखनऊ में अपराधियों की कोई जगह नहीं।