
उत्तर प्रदेश के Unnao जिले से आई इस दिल दहला देने वाली खबर ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। यहां एक सिरफिरे युवक सफात उर्फ बबलू ने अपनी हवस और पागलपन में एक युवती पर बेरहमी से चाकू से हमला कर दिया। चौंकाने वाली बात ये है कि जिस युवती ने उसे एक साल पहले राखी बांधकर भाई का दर्जा दिया था, उसी “भाई” ने उस पर प्रेम का दबाव बना कर, असफल होने पर उसकी जान लेने की कोशिश की।
भाई का रूप धरकर पहुंचा और किया हैवानियत का खेल
घटना उन्नाव के सदर कोतवाली क्षेत्र की है, जहां मोहल्ला निवासी एक युवती के भाई से दोस्ती के बहाने सफात उनके घर आना-जाना करता था। रक्षाबंधन के मौके पर जब युवती ने उसे भाई मानते हुए रक्षा सूत्र बांधा, तो किसी ने सोचा भी नहीं था कि वह रक्षासूत्र किसी ‘राक्षस’ की कलाई पर बंधा जा रहा है।
परिवार का विश्वास और बहन-भाई जैसे रिश्ते को रौंदते हुए सफात ने धीरे-धीरे युवती पर प्रेम का दबाव बनाना शुरू किया। युवती ने साफ इंकार कर दिया और कई बार उससे दूरी बनाने की कोशिश की। मगर सफात, जो अब अपने एकतरफा प्यार में पागल हो चुका था, युवती को मानसिक रूप से प्रताड़ित करता रहा।
नहीं माना इनकार, तब उठा चाकू – रोंगटे खड़े कर देने वाला हमला
रात के अंधेरे में जब युवती अकेली थी, तभी सफात ने मौका देखकर उसके घर में जबरन प्रवेश किया। युवती के विरोध करने पर वह बौखला गया और उसने रसोई से उठा चाकू से उस पर ताबड़तोड़ वार कर दिए। पेट, चेहरा और हाथ पर गंभीर चोटें आईं। खून से लथपथ युवती को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
डॉक्टरों ने बताया कि युवती की हालत बेहद नाजुक है और इलाज जारी है। उसके चेहरे और पेट पर गहरे घाव हैं।
पुलिस का तत्काल एक्शन, आरोपी गिरफ्तार
इस भयावह हमले की सूचना मिलते ही पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की। युवती के परिजनों की तहरीर पर सफात के खिलाफ आईपीसी की धारा 354, 307, एससी-एसटी एक्ट समेत गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई। एडिशनल एसपी अखिलेश सिंह ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए दो टीमें बनाई गई थीं, जिन्होंने शाम होते ही आरोपी को धर दबोचा।
हिंदू संगठनों का आक्रोश, अस्पताल में की पीड़िता से मुलाकात
इस घटना के बाद क्षेत्र में भारी आक्रोश देखने को मिला। हिंदूवादी संगठन से जुड़े नेता विमल द्विवेदी ने जिला अस्पताल जाकर पीड़िता के परिजनों से मुलाकात की और आरोपी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने इसे ‘लव जिहाद’ की साजिश बताते हुए प्रशासन से सवाल किए कि कब तक बेटियों की आबरू इस तरह सरेआम रौंदी जाती रहेगी?
मानसिक विक्षिप्तता या साजिश? उठते हैं बड़े सवाल
अब सवाल उठता है कि जब एक युवती ने स्पष्ट तौर पर मना कर दिया, तब भी आरोपी का इस हद तक जाना क्या किसी मानसिक विक्षिप्तता का मामला है या इसके पीछे कोई सुनियोजित साजिश थी? सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर तीखी बहस छिड़ी हुई है। कई लोग इसे धर्म आधारित अपराध के रूप में देख रहे हैं, तो कई इसे प्रशासनिक विफलता का परिणाम मान रहे हैं।
समाज को चेतने की जरूरत: रिश्तों की आड़ में छिपे दरिंदों से सावधान
इस घटना ने साफ कर दिया है कि अब रक्षाबंधन जैसे पवित्र रिश्ते भी दरिंदों की हवस से सुरक्षित नहीं हैं। जरूरत है कि समाज सतर्क हो, बेटियां सतर्क रहें और ऐसे अपराधियों के खिलाफ बिना किसी झिझक के आवाज़ उठाएं।
पुलिस और प्रशासन की भी जिम्मेदारी बनती है कि ऐसे मामलों में तेजी से जांच कर सख्त से सख्त सजा सुनिश्चित की जाए, ताकि समाज में भय बना रहे और कोई दूसरा ‘सफात’ किसी मासूम की जिंदगी को नर्क न बना सके।
उन्नाव की इस रूह कंपा देने वाली घटना ने हर किसी को झकझोर दिया है। जहां राखी के धागे ने एक दरिंदे की कलई खोल दी, वहीं समाज को भी आईना दिखा दिया कि अब सतर्कता और सुरक्षा की जिम्मेदारी सिर्फ प्रशासन की नहीं, हर नागरिक की है।