Ghazipur जिले से एक बार फिर ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। एक 60 वर्षीय कथित तांत्रिक, जो लोगों की बीमारियों का इलाज करने का दावा करता था, अब खुद कानून के शिकंजे में फंस गया है। मऊ निवासी तांत्रिक दयाराम पर आरोप है कि उसने एक 13 वर्षीय मासूम बच्ची को बहला-फुसलाकर अपने साथ भगा लिया है। यह शर्मनाक घटना गाजीपुर सदर कोतवाली के रजदेपुर इलाके की है, जहां पीड़िता अपने बीमार मां के साथ रहती थी।
मां के इलाज के बहाने आया, बच्ची को बना लिया निशाना
लड़की के पिता के अनुसार, उनकी पत्नी कई महीनों से बीमार चल रही थीं। जब डॉक्टरों से राहत नहीं मिली तो किसी जानकार ने उन्हें बताया कि उनकी पत्नी पर किसी बुरी आत्मा का साया है और इसके इलाज के लिए किसी तांत्रिक से संपर्क करना चाहिए। इसी सलाह पर उन्होंने मऊ निवासी तांत्रिक दयाराम को घर बुलाया।
दयाराम ने खुद को अनुभवी और सिद्ध तांत्रिक बताया और पूजा-पाठ शुरू किया। वह कुछ दिनों तक लगातार घर आता रहा। हर बार वह बड़ी श्रद्धा से पूजा करता और परिवार का भरोसा जीतता रहा। इसी दौरान उसकी नजर 13 वर्षीय बच्ची पर पड़ी, जो मां की सेवा में लगी रहती थी।
15 मई की शाम को दिया वारदात को अंजाम
15 मई की शाम दयाराम पूजा-पाठ के लिए आया। उस समय घर पर केवल बीमार मां और मासूम बेटी मौजूद थीं। पूजा खत्म होने के बाद दयाराम लड़की को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया। जब लड़की के पिता घर लौटे और बेटी को घर पर नहीं पाया, तो उन्होंने आसपास के इलाके में खोजबीन शुरू की लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
पुलिस में दर्ज हुई शिकायत, शुरू हुई तलाश
परिजनों ने तत्काल सदर कोतवाली पहुंचकर पूरी घटना की जानकारी दी। पुलिस ने दयाराम के खिलाफ धारा 137(2) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश शुरू कर दी है। हालांकि अभी तक बच्ची और तांत्रिक दोनों का कोई सुराग नहीं मिला है।
मासूम की मां का रो-रोकर बुरा हाल, पूरे इलाके में गुस्सा
लड़की की मां, जो पहले से ही बीमार थीं, अब इस सदमे से पूरी तरह टूट चुकी हैं। उनका रो-रोकर बुरा हाल है। वे बार-बार कह रही हैं कि उन्होंने उस तांत्रिक पर भरोसा किया और वही उनकी बच्ची को ले गया। गांव के लोगों में भी जबरदस्त गुस्सा है। लोग कह रहे हैं कि इस तरह के ढोंगी तांत्रिकों पर सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
तांत्रिक के काले कारनामों की खुलने लगी परतें
स्थानीय लोगों का कहना है कि दयाराम पहले भी कई गांवों में इसी तरह तांत्रिक बनकर लोगों को झांसा दे चुका है। हालांकि कभी किसी ने पुलिस में शिकायत नहीं की थी, लेकिन अब उसकी असलियत सबके सामने आ गई है। कुछ लोगों ने दावा किया है कि उसने कई बार महिलाओं को ‘तांत्रिक पूजा’ के नाम पर अलग-अलग बहानों से अकेले में बुलाया था।
प्रशासन पर उठे सवाल, कैसे खुलेआम घूमते हैं ऐसे तांत्रिक?
यह सवाल भी उठ रहा है कि आखिर प्रशासन ऐसे लोगों पर लगाम क्यों नहीं कसता? क्या कोई भी आदमी तांत्रिक का चोला पहनकर घर-घर घूम सकता है और मासूमों को शिकार बना सकता है? इस घटना ने पुलिस और प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान लगा दिया है।
सामाजिक संगठनों ने जताई नाराजगी, की सख्त कानून की मांग
घटना के बाद कई सामाजिक संगठनों ने सामने आकर इस शर्मनाक हरकत की निंदा की है और कहा है कि इस तरह की घटनाएं तब तक नहीं रुकेंगी, जब तक ऐसे लोगों को सख्त सजा नहीं दी जाएगी। संगठनों ने यह भी मांग की है कि प्रदेश में ऐसे ढोंगी बाबाओं और तांत्रिकों की एक सूची बनाकर उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखी जाए।
क्या कानून की पकड़ में आएगा तांत्रिक दयाराम?
अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या पुलिस तांत्रिक दयाराम को पकड़ पाएगी? क्या वह मासूम बच्ची सुरक्षित मिलेगी? फिलहाल पुलिस की टीमें मऊ और आसपास के इलाकों में उसकी तलाश कर रही हैं। परिजनों की उम्मीद पुलिस पर टिकी है और पूरा इलाका इस घटना से आहत है।
गाजीपुर से उठी यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि कैसे अंधविश्वास और ढोंगी तांत्रिक समाज को खोखला कर रहे हैं। अब वक्त आ गया है कि समाज और प्रशासन मिलकर ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाएं, ताकि कोई और बच्ची ऐसे हैवानियत का शिकार न बने।