आमिर खान द्वारा निर्मित ‘पीपली लाइव’, जो 13 अगस्त, 2010 को रिलीज़ हुई, गंभीर परिणामों वाली एक कृति है। नवोदित…
Browsing: Social Commentary
गाने की ये पंक्तियाँ, ‘गांव में पीपल, पीपल की छइयां… छइयां में पनघट…’, पुराने समय के भारतीय गाँवों की पहचान…
सुपरहीरो को अपनी पतलून के ऊपर अंडरवियर पहनने की जरूरत नहीं है, और न ही अपने दिलों को अपनी आस्तीन…
यह एक ‘बाई-उत्पाद’ कहा जा सकता है। घर की मालकिन और उसकी भरोसेमंद नौकरानी के बीच के असीम, अस्पष्ट रिश्ते…
यह फिल्म एक साधारण कहानी से परे है। ‘पंजाब 95’ मानवीय पीड़ा और सत्ता के दुरुपयोग की एक गंभीर पड़ताल…
ईमानदारी से कहूं तो, मुझे ‘सिस्टर मिडनाइट’ से नफ़रत थी। यह झुग्गी-झोपड़ी में रहने की ज़िंदगी पर बनी सबसे ज़्यादा…