5G का युग आ गया है और हर कोई तेज़ इंटरनेट के लिए 5G स्मार्टफोन खरीद रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि 5जी नेटवर्क का फोन की बैटरी पर क्या असर पड़ता है? आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि 4जी से 5जी पर स्विच करने से बैटरी पर क्या असर होता है? आज हम आपको बताएंगे कि 5जी नेटवर्क किस तरह से बैटरी के लिए ‘दुश्मन’ है और किस तरह से बैटरी पर असर डालता है।
5G नेटवर्क आमतौर पर 4G नेटवर्क की तुलना में अधिक ऊर्जा (बैटरी) का उपयोग करता है, जिससे बैटरी तेजी से खत्म होने लगती है। इसके कई कारण हैं, जैसे कि 2020-2021 के दौरान लॉन्च हुए स्मार्टफ़ोन में इस्तेमाल किए गए कई 5G चिपसेट (प्रोसेसर) पूरी तरह से अनुकूलित नहीं थे। इसके अलावा, 2022-2023 में स्मार्टफोन में आ रहे 5जी चिपसेट में ज़्यादा गरम होने की समस्या है, जिससे बैटरी जल्दी खत्म हो जाती है।
नेटवर्क स्विचिंग भी एक बड़ी वजह है
जिस क्षेत्र में 5जी नेटवर्क कमजोर है, उस क्षेत्र में फोन को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि फोन बार-बार 5जी से 4जी पर स्विच होता रहता है और इसी नेटवर्क स्विचिंग के कारण बैटरी तेजी से खत्म होती है।
मोबाइल सॉफ़्टवेयर की भी भूमिका होती है
फोन का सॉफ़्टवेयर भी आपके फ़ोन की बैटरी लाइफ़ में अहम भूमिका निभाता है। अगर सॉफ़्टवेयर सही ढंग से अनुकूलित है, तो 5जी नेटवर्क पर बैटरी की खपत को कम करने में मदद करता है। Apple ने भी अपना 5G मॉडेम लॉन्च किया है, जिसे बैटरी की खपत को कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे ग्राहकों को बेहतर बैटरी लाइफ़ का लाभ मिले। कुल मिलाकर, अगर सॉफ़्टवेयर सही ढंग से अनुकूलित नहीं होगा, तो फोन में बैटरी की खपत बढ़ेगी।
डिस्प्ले का यह रोल है
720p या 1080 पिक्सल रिज़ॉल्यूशन की तुलना में 5G स्मार्टफोन में अल्ट्रा-हाई डेफिनिशन या UHD रिज़ॉल्यूशन वाली वीडियो को स्ट्रीम करने पर भी फोन की बैटरी तेजी से खत्म होने लगती है। हाई-रिज़ॉल्यूशन डिस्प्ले बैटरी की ज़्यादा खपत करता है।