एआई के आगमन ने जीवन को आसान बना दिया है, लेकिन इस उन्नत तकनीक के कुछ नुकसान भी हैं जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए। क्या आप जानते हैं कि एआई की मदद से लोगों के साथ किस तरह के धोखाधड़ी की जा रही है? आज हम आपको कुछ ऐसे घोटालों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनमें एआई तकनीक का उपयोग करके लोगों के साथ ठगी की जाती है।
धोखाधड़ी करने वाले एआई का उपयोग कई तरीकों से कर सकते हैं, जैसे नए सॉफ्टवेयर बनाना और कंपनियों के धोखाधड़ी बचाव का विश्लेषण करना। लोगों को निशाना बनाने वाले स्कैमर अक्सर जनरेटिव एआई का इस्तेमाल करते हैं।
**वॉयस क्लोनिंग स्कैम**
कुछ एआई उपकरण किसी व्यक्ति के बोलते हुए एक छोटे से वीडियो से आवाज की क्लोनिंग करने में माहिर हैं। स्कैमर आपके प्रियजनों की आवाज की कॉपी बनाकर आपको कॉल कर पैसे मांग सकते हैं। इस तरह के घोटाले ज्यादातर बुजुर्गों के साथ देखने को मिलते हैं क्योंकि स्कैमर बुजुर्गों को जाल में फंसाने के लिए ऐसे दिखाते हैं कि उनके पोते-पोती मुसीबत में हैं।
**डीपफेक वीडियो स्कैम**
डीपफेक वीडियो एआई द्वारा जेनरेट किए गए वीडियो होते हैं जिनमें पूरी तरह से असली दिखने वाले लोग होते हैं, जिस वजह से इस तरह के वीडियो बहुत विश्वसनीय लगते हैं। खासकर जब उन्हें क्लोन की गई आवाजों के साथ जोड़ा जाता है। स्कैमर मशहूर हस्तियों के डीपफेक वीडियो का इस्तेमाल करते हैं, कभी-कभी वीडियो को सीधे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया जाता है और फिर ये वीडियो लोगों को ऐसी वेबसाइटों पर ले जाते हैं जहां स्कैमर व्यक्तिगत जानकारी इकट्ठा करते हैं।
**एआई से तैयार वेबसाइट**
स्कैमर एआई का इस्तेमाल कर वेबसाइट बना सकते हैं और फिर आपको ईमेल के जरिए वेबसाइट के लिंक भेज सकते हैं या सोशल मीडिया पर लिंक पोस्ट कर सकते हैं। नकली ऑनलाइन स्टोर पर आप लोगों को लुभाने के लिए लोकप्रिय उत्पादों पर भारी छूट भी दी जा सकती है और सीमित समय के लिए सेल लगाई जा सकती है, जिससे आप तुरंत खरीदारी करें। इसके बाद स्कैमर आपकी पेमेंट डिटेल्स चुराकर उन्हें बेच सकते हैं या फिर आपका अकाउंट तक खाली कर सकते हैं।