एआई के फायदों के बारे में तो सभी बात करते हैं, लेकिन यह भी जानना महत्वपूर्ण है कि इसका गलत इस्तेमाल कैसे हो रहा है। हाल ही में पता चला है कि उत्तर कोरिया के हैकर्स ने दक्षिण कोरिया में हमलों को अंजाम देने के लिए एआई टूल ChatGPT का इस्तेमाल किया। हैकर्स ने एआई की मदद से पहले तो दक्षिण कोरियाई सेना का फर्जी आईडी कार्ड बनाया और फिर इस कार्ड का इस्तेमाल फिशिंग अटैक के लिए किया। साइबर सुरक्षा फर्म Genians के अनुसार, हैकर्स ने दुर्भावनापूर्ण ईमेल भेजने के लिए दक्षिण कोरियाई सैन्य आईडी का डीपफेक तैयार किया था। इस आईडी कार्ड के जरिए किए गए फिशिंग अटैक को पकड़ना मुश्किल हो गया था। इस फिशिंग अटैक में उत्तर कोरिया के हैकर ग्रुप Kimsuky का हाथ बताया जा रहा है, जो साइबर जासूसी के लिए जाना जाता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, हैकर्स ने फिशिंग ईमेल की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए दक्षिण कोरियाई सैन्य आईडी का एक डीपफेक ड्राफ्ट तैयार किया। इन ईमेल में विश्वसनीय एआई इमेज शामिल थीं, जिन्हें मैलवेयर इंस्टॉल करने के लिए डिजाइन किया गया था। एक बार डिवाइस में मैलवेयर इंस्टॉल होने के बाद, हैकर्स डिवाइस से सारा डेटा चुरा लेते हैं। इनमें से एक ईमेल mli.kr पर समाप्त होने वाले एड्रेस से आया था जो लोगों को धोखा देने का काम कर रहा था। इस तरह के ईमेल एड्रेस का इस्तेमाल दक्षिण कोरिया की सेना द्वारा किया जाता है। ईमेल के साथ जो अटैचमेंट थी उसमें कंप्रेस फाइल और शॉर्टकट लिंक (.lnk) शामिल थे, जो अस्पष्ट स्क्रिप्ट लॉन्च करते थे। ये स्क्रिप्ट्स फिर बैच फाइलों को अनपैक करती थीं जो डिवाइस से जानकारी चुराने में सक्षम हैं।







