आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के आगमन ने विभिन्न क्षेत्रों में नौकरियों को प्रभावित करना शुरू कर दिया है, और यह जॉब मार्केट को नया आकार दे रहा है। जहां एक ओर, AI कुछ लोगों की नौकरियां छीन रहा है, वहीं दूसरी ओर, यह कुछ लोगों को अधिक उत्पादक और कुशल बना रहा है। इस उथल-पुथल के बीच, स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के एक नए अध्ययन से पता चला है कि AI का सबसे अधिक असर युवा कर्मचारियों पर पड़ रहा है।
शोध में जानकारी दी गई है कि ChatGPT जैसे जनरेटिव AI टूल्स अब तक कोडिंग और AI से जुड़े अन्य क्षेत्रों में एंट्री लेवल की नौकरियों को छीन रहे हैं।
इन लोगों के लिए बढ़ी मुश्किलें
अर्थशास्त्रियों एरिक ब्रायनजोल्फसन, रुयू चेन और भारत चंदर द्वारा किए गए इस अध्ययन में 2022 के अंत (जब चैटजीपीटी लॉन्च हुआ) और 2025 के मध्य के बीच अमेरिका में लाखों कर्मचारियों के ADP के पेरोल डेटा का विश्लेषण किया गया। निष्कर्ष से पता चला कि अमेरिका में रोजगार की स्थिति मजबूत बनी हुई है, लेकिन जनरेटिव AI के कारण सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और कस्टमर सर्विस जैसी इंडस्ट्री में 22 से 25 साल की उम्र के कर्मचारियों के लिए नए जॉब के अवसरों में भारी गिरावट आई है।
रिपोर्ट के अनुसार, नए डेवलपर्स सबसे ज्यादा खतरे में हैं, और शुरुआती स्तर के कोडर्स के लिए नौकरियों के अवसर कम होते जा रहे हैं, क्योंकि उन्हें सौंपे जाने वाले कई काम, जैसे कि कोड लिखना या डिबगिंग, अब AI सिस्टम द्वारा तेजी से निपटाए जा सकते हैं। आंकड़े बताते हैं कि 2022 से AI की वजह से प्रभावित हुए इंडस्ट्री में युवा कर्मचारियों के रोजगार में लगभग 16 प्रतिशत की गिरावट आई है, और सबसे ज्यादा सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग क्षेत्र प्रभावित हुआ है।
दूसरी ओर, इन्हीं क्षेत्रों के अधिक अनुभवी लोग काफी हद तक इससे अछूते रहे हैं। कुछ मामलों में, उनके रोजगार के स्तर में मामूली वृद्धि भी हुई है। शोधकर्ताओं के अनुसार, युवा और अनुभवी लोगों पर अलग-अलग प्रभाव ‘किताबी ज्ञान’ और ‘अव्यक्त ज्ञान’ के बीच के अंतर के कारण है।