साइबर अपराधी लोगों के बैंक खातों को खाली करने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं। हाल ही में, एक नया मामला सामने आया है जिसमें ठग बिना कार्ड और ओटीपी के बैंक खाते से पैसे निकाल रहे हैं। भारत के झारखंड में एक बुजुर्ग महिला के खाते से 10 हजार रुपये की ठगी हुई।
झारखंड में हुई इस घटना ने सभी को चौंका दिया है। खबरों के मुताबिक, धोखेबाजों ने महिला को पीएम किसान योजना का लाभ दिलाने का लालच दिया। ठगों ने धोखे से महिला की आंखों को स्कैन करके बैंक खाते तक पहुंच हासिल की और पैसे निकाल लिए। महिला को तब पता चला जब वह बैंक गई और पैसे गायब थे।
आजकल, अधिकांश बैंक खाते आधार कार्ड से जुड़े होते हैं। बायोमेट्रिक स्कैन, जैसे फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन, के माध्यम से पैसे निकाले जा सकते हैं। ठगों ने महिला के आधार नंबर का उपयोग करके बैंक खाता ढूंढा और उसकी जानकारी के बिना उसकी आंखों को स्कैन करके पैसे निकाल लिए।
सुरक्षित रहने के लिए, आधार कार्ड जैसे निजी दस्तावेजों को किसी के साथ साझा न करें। यदि साझा करना आवश्यक है, तो UIDAI की वेबसाइट से डाउनलोड किए जा सकने वाले वर्चुअल आधार नंबर का उपयोग करें।
इसके अतिरिक्त, UIDAI वेबसाइट पर बायोमेट्रिक जानकारी को लॉक करने का विकल्प भी है। इसका मतलब है कि कोई भी आपके फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन का उपयोग करके आपके डेटा तक नहीं पहुंच पाएगा। हालांकि, बायोमेट्रिक सेवा का उपयोग करने के लिए, आपको इसे मैन्युअल रूप से अनलॉक करना होगा और फिर से लॉक करना होगा।