बरसात का मौसम शुरू होते ही, लोग अक्सर घरों में कूलर चलाने लगते हैं। उन्हें लगता है कि कूलर में पानी भरने से ठंडी हवा मिलेगी और उमस से राहत मिलेगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बारिश के दौरान पानी के साथ कूलर चलाना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है? अधिकांश लोग इस खतरे से अनजान रहते हैं।
कूलर का काम नमी के जरिए हवा को ठंडा करना है। लेकिन जब बारिश होती है, तो हवा में पहले से ही बहुत अधिक नमी होती है। ऐसे में कूलर चलाने से कमरे की नमी और बढ़ जाती है। इसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। ज्यादा नमी के कारण कमरे के अंदर फंगल और बैक्टीरिया तेजी से बढ़ने लगते हैं। यही कारण है कि बारिश में कूलर के उपयोग से कई बार लोगों को सांस लेने में कठिनाई, खांसी, जुकाम और एलर्जी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
चिकित्सकों के अनुसार, बारिश के मौसम में लगातार कूलर में बैठने से जोड़ों में दर्द, त्वचा पर फंगल संक्रमण और एलर्जी का खतरा बढ़ जाता है। जिन लोगों को पहले से अस्थमा या एलर्जी की समस्या है, उनके लिए यह और भी खतरनाक हो सकता है।
बरसात में नमी और पानी के कारण बिजली के उपकरणों में करंट लगने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में, अगर कूलर का पानी मोटर या वायरिंग तक पहुंच गया, तो शॉर्ट सर्किट या करंट लगने का खतरा हो सकता है, जो जानलेवा हो सकता है।
सावधानियां बरतें: बरसात में कूलर का उपयोग कम से कम करें। यदि ज़रूरी हो, तो कूलर बिना पानी भरे चलाएं। कूलर की नियमित सफाई करें। छोटे बच्चों, बुजुर्गों या एलर्जी वाले मरीजों के घरों में बरसात में कूलर का उपयोग बिल्कुल न करें। बिजली की वायरिंग और प्लग की जांच करें।