आजकल Google लोगों की जिंदगी का एक अभिन्न अंग बन गया है, और अब बीमा कंपनियां भी Google सेवाओं पर निर्भर रहने लगी हैं। जरा सोचिए, आप अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुए, आपने सभी जरूरी दस्तावेज भी जमा किए, लेकिन फिर भी कंपनी आपका दावा खारिज कर दे? अब कंपनियां क्लेम रिजेक्ट करने का कारण मरीज की गूगल लोकेशन को बता रही हैं जो अस्पताल की नहीं थी। बीमा कंपनियां क्लेम को स्वीकार करने या खारिज करने से पहले अब यह जांच करती हैं कि मरीज की गूगल लोकेशन वास्तव में अस्पताल की थी या नहीं।
कई लोगों को यह अवैध लग सकता है। वल्लभ मोटका नाम के एक व्यक्ति को भी ऐसा ही अनुभव हुआ जब उनका क्लेम इस वजह से खारिज कर दिया गया कि मरीज की गूगल टाइमलाइन पर अस्पताल की लोकेशन मैच नहीं कर रही थी। ईटी वेल्थ ऑनलाइन ने इस मामले की सच्चाई का पता लगाने के लिए कई विशेषज्ञों से बात की है।