Google ने Android उपयोगकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। अब से, केवल वेरिफाइड डेवलपर्स द्वारा बनाए गए ऐप्स को ही सर्टिफाइड Android डिवाइस पर इंस्टॉल किया जा सकेगा। यह बदलाव अगले साल से लागू होगा। अब तक, उपयोगकर्ता प्ले स्टोर के बाहर से भी ऐप्स इंस्टॉल कर सकते थे, जिसे ‘साइडलोडिंग’ कहा जाता था। हालाँकि, अब यह सुविधा धीरे-धीरे कम हो रही है। Google ने इसके लिए एक नया Android डेवलपर कंसोल लाने का निर्णय लिया है, जहाँ डेवलपर्स को पंजीकरण करना होगा। अक्टूबर 2025 से टेस्टिंग शुरू होगी, मार्च 2026 से सभी डेवलपर्स को नया कंसोल मिलेगा, और सितंबर 2026 से ब्राजील, इंडोनेशिया, सिंगापुर और थाईलैंड में यह नियम लागू होगा। 2027 तक इसे वैश्विक स्तर पर लागू करने की उम्मीद है। Google का मानना है कि साइडलोड किए गए ऐप्स से मैलवेयर का खतरा 50 गुना अधिक होता है। इस बदलाव से असली डेवलपर्स की पहचान करने और फर्जी डेवलपर्स को पकड़ने में मदद मिलेगी। यह निर्णय हाल ही में हुए Epic Games केस से भी जुड़ा है, जिसमें कोर्ट ने Google को थर्ड-पार्टी ऐप स्टोर को प्ले स्टोर पर जगह देने के लिए कहा था।
Google का बड़ा कदम: Android डिवाइस पर अब अनवेरिफाइड ऐप्स इंस्टॉल नहीं होंगे
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