आईटी कंपनी HCLTech ने स्पष्ट किया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को नौकरियों को समाप्त करने के लिए नहीं, बल्कि उन्हें और बेहतर बनाने के लिए लागू किया जा रहा है। कंपनी की चेयरपर्सन रोशनी नाडार मल्होत्रा ने वार्षिक आम बैठक (AGM) में कहा कि HCLTech अपने कर्मचारियों के कौशल को बढ़ाने और नए अवसर प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। यहां जानें कि अन्य टेक कंपनियों का क्या हाल है और HCL कैसे अन्य कंपनियों से अलग योजना बना रही है।
AI बनेगा को-पायलट, कर्मचारी रहेंगे आगे
रोशनी नाडार ने कहा कि AI को एक को-पायलट के रूप में लाया जा रहा है, जिससे मानव क्षमता बढ़ेगी। यह मनुष्यों को प्रतिस्थापित नहीं करेगा। कुछ भूमिकाएं निश्चित रूप से बदलेंगी, लेकिन कंपनी का ध्यान कर्मचारियों को री-स्किलिंग और अप-स्किलिंग पर है ताकि वे अधिक मूल्य वाले काम कर सकें।
उन्होंने भरोसा दिलाया कि कंपनी की AI नीति कर्मचारियों के जॉब ट्रांसफॉर्मेशन और विकास को प्राथमिकता देगी, न कि नौकरी में कटौती के बारे में सोचेगी।
सेक्टर में धीमी हायरिंग, लेकिन HCL की अलग योजना
आईटी सेक्टर में फिलहाल हायरिंग धीमी है। वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में देश की शीर्ष आईटी कंपनियों ने बहुत कम नई हायरिंग की। HCLTech ने जून तिमाही में 1,984 फ्रेशर्स को नौकरी दी। कुल हेडकाउंट 2,23,151 रहा, जो पिछली तिमाही से थोड़ा कम था। अट्रिशन रेट भी 13 प्रतिशत से घटकर 12.8 प्रतिशत पर आ गया।
TCS और Infosys की राह से अलग HCLTech
जहां HCLTech नौकरियां बचाने और बढ़ाने की बात कर रही है, वहीं दूसरी आईटी कंपनियां छंटनी कर रही हैं। TCS ने हाल ही में लगभग 12,000 कर्मचारियों की छंटनी की, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा माना जा रहा है।
Infosys ने भी उन ट्रेनीज को बाहर कर दिया जो इंटरनल एग्जामिनेशन को पास नहीं कर पाए। इससे स्पष्ट है कि HCLTech अन्य कंपनियों से अलग रणनीति अपना रही है और AI को खतरे के बजाय अवसर मान रही है।