प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की हालिया मुलाकात ने भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए बड़ी उम्मीदें जगाई हैं। भारतीय और चीनी कंपनियों के बीच संयुक्त उद्यम और प्रौद्योगिकी साझेदारी पर चर्चा तेज हो रही है। यह सब अमेरिका के टैरिफ दबाव और शंघाई शिखर सम्मेलन में हुई बैठक के साथ भारत-चीन राजनयिक संबंधों में सुधार की बदौलत संभव हो रहा है, क्योंकि ट्रंप टैरिफ से सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि ग्लोबल सप्लाई चेन पर भी दबाव है।
रिपोर्टों के अनुसार, अधिकांश साझेदारी इलेक्ट्रॉनिक्स घटक क्षेत्र में होने की संभावना है। भारतीय निर्माता तकनीक के लिए चीनी कंपनियों के साथ गठजोड़ की तलाश में हैं। उद्योग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ईसीएमएस) ने कंपनियों को इस कदम के लिए काफी हद तक प्रोत्साहित किया है। कई कंपनियां तो कंपोनेंट उत्पादन के लिए सरकार की ओर से निर्धारित 22,919 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि के लिए तत्काल मंजूरी की मांग कर रही हैं। भारत में चीन की भागीदारी से प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (पीसीबी), डिस्प्ले मॉड्यूल, कैमरा सब-असेंबली और बैटरी जैसे महंगे उत्पादों के क्षेत्रों में बड़े पैमाने का निर्माण करने में मदद मिलेगी।
भारत की सबसे बड़ी कॉन्ट्रेक्ट इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माता डिक्सन टेक्नोलॉजीज कथित तौर पर पुर्जों के उत्पादन के लिए चीन की चोंगकिंग युहाई प्रिसिजन मैन्युफैक्चरिंग के साथ संयुक्त उद्यम शुरू कर सकती है। जानकारी के मुताबिक, डिक्सन की पहले से ही एचकेसी और वीवो जैसी कंपनियों से बातचीत चल रही है। हाल ही में उसे लॉन्गचीयर के साथ एक संयुक्त उद्यम के लिए मंजूरी मिली है। कंपनी की ओर से डिस्प्ले मॉड्यूल, कैमरा मॉड्यूल और पुर्जों के लिए नए आवेदन भी प्रक्रिया में हैं।
सरकार चाहती है कि कोई भी चीनी निवेश तकनीक के हस्तांतरण के साथ आए, क्योंकि चीन तकनीक के मामले में आगे है। नए संयुक्त उद्यम शुरू होने से भारतीय निर्माताओं को भी इसका लाभ होगा। चीन ग्लोबल सप्लाई चेन का एक बड़ा खिलाड़ी है और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का 60% से ज्यादा हिस्सा वहीं से आता है। चीन से जुड़े बिना भारत अपनी स्थानीय क्षमता नहीं बढ़ा सकता। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) का मानना है कि इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में चुनिंदा चीनी निवेश भारत की महत्वाकांक्षाओं के लिए जरूरी है।