एक परमाणु बम विस्फोट एक पूरे क्षेत्र को नष्ट कर सकता है। 1945 में परमाणु हमले के कारण जापान के नागासाकी और हिरोशिमा में 2.10 लाख लोगों की मौत हो गई। एक लाख से अधिक लोग अपंग हो गए, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हिरोशिमा हमले के बाद दुनिया में 2059 परमाणु विस्फोट हुए हैं?
पिछले 80 वर्षों में सबसे अधिक परमाणु विस्फोट अमेरिका में हुए हैं, इसके बाद कजाकिस्तान और फिर फ्रांस में हुए हैं। भारत में 3 मौकों पर यह परमाणु विस्फोट हुआ है, जबकि भारत के पड़ोसी पाकिस्तान में 2 मौकों पर परमाणु बम फूटने की खबर आई।
आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन के अनुसार, 1945 के बाद दुनिया भर में परमाणु हथियार बनाने की होड़ मच गई, जिससे परमाणु परीक्षण कार्यक्रमों की शुरुआत हुई। 1945 से 1996 के बीच अमेरिका ने 1030 विस्फोट किए। वर्तमान में अमेरिका के पास 3900 परमाणु हथियार हैं।
अमेरिका के बाद रूस ने कजाकिस्तान में सबसे ज्यादा परमाणु विस्फोट कराए। रूस के पास 4100 से अधिक परमाणु हथियार हैं। फ्रांस ने 210 परमाणु विस्फोट किए हैं। चीन और ब्रिटेन ने 45-45 विस्फोट किए हैं। नॉर्थ कोरिया ने सबसे बाद में परमाणु विस्फोट के जरिए अपने हथियारों का परीक्षण किया।
चीन के पास 600, भारत के पास 180, पाकिस्तान के पास 150 और नॉर्थ कोरिया के पास 50 परमाणु हथियार होने की बात कही गई है।
अमेरिका ने अपने 1000 से अधिक परमाणु विस्फोट नेवादा, मार्शल द्वीपसमूह और मध्य प्रशांत महासागर में किए। रूस ने कजाकिस्तान और आर्कटिक महासागर के नोवाया जेमल्या द्वीपसमूह में परीक्षण किए। ब्रिटेन ने ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर के किरीटीमाटी द्वीपसमूह में अपने हथियारों का ट्रायल किया, जबकि फ्रांस ने अल्जीरिया और फ्रेंच पोलिनेशिया में विस्फोट कराए। चीन ने पश्चिमी शिनजियांग प्रांत के लोप नूर में परीक्षण किया।
भारत का परमाणु परीक्षण पोखरण में और पाकिस्तान का बलूचिस्तान में किया गया। नॉर्थ कोरिया ने चीन से लगे द्वीप पर अपना परमाणु परीक्षण किया।
अधिकांश परमाणु परीक्षण रेत या पानी में किए गए हैं। कजाकिस्तान में 12 लाख लोगों ने मुआवजे का आवेदन किया है। अमेरिका ने मार्शल द्वीप के लोगों को अन्य जगहों पर शिफ्ट कर दिया। फ्रांस ने अल्जीरिया के लोगों से माफी मांगी। इन परमाणु विस्फोटों का असर जलवायु परिवर्तन पर भी हो रहा है।