अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी ने पाकिस्तान द्वारा लगाए गए आतंकी आरोपों का जोरदार खंडन किया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि अफगानिस्तान की धरती पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का कोई ठिकाना या मुख्यालय नहीं है। मुत्तकी ने इस्लामाबाद को अपनी आंतरिक समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी है।
नई दिल्ली: पाकिस्तान के लगातार बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए, अफगान विदेश मंत्री मुत्तकी ने कहा कि अफगानिस्तान आतंकवाद को पनाह नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान को अफगानिस्तान से ही समस्या क्यों है? उन्हें इस पर विचार करना चाहिए। हमारे चीन और ईरान जैसे अन्य पड़ोसी हैं, जिनकी कोई शिकायत नहीं है।’
मुत्तकी ने समझाया कि पिछले शासनकाल में, जो रूस और अमेरिका समर्थित थे, कुछ कबाइली परिवार पाकिस्तान के सैन्य अभियानों से भागकर अफगानिस्तान आ गए थे। लेकिन वर्तमान तालिबान सरकार अफगानिस्तान की जमीन पर टीटीपी के शिविरों की अनुमति नहीं देती है।
डूरंड रेखा विवाद पर भी बोले मुत्तकी
लगभग 2,500 किलोमीटर लंबी डूरंड रेखा, जो दोनों देशों के बीच विवादित सीमा है, के बारे में मुत्तकी ने कहा कि यह एक कठिन पहाड़ी क्षेत्र है जिसे बल से नियंत्रित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, ‘यहां तक कि चंगेज खान भी इस इलाके को नियंत्रित नहीं कर सके। इसे केवल शांति और समझ से प्रबंधित किया जा सकता है, बल से नहीं।’
पाकिस्तान को अपनी आंतरिक समस्याएं ठीक करनी चाहिए
अफगान मंत्री ने पाकिस्तान के शासन पर तंज कसते हुए कहा कि अगर इस्लामाबाद तकनीकी रूप से उन्नत है, तो उसे अपनी सीमाओं के भीतर शांति बनाए रखने में सक्षम होना चाहिए। मुत्तकी ने सवाल किया, ‘जब तालिबान ने 40 साल के युद्ध के बाद पूरे अफगानिस्तान पर नियंत्रण स्थापित कर लिया, तो क्या पाकिस्तान अपने लोगों को नियंत्रित नहीं कर सकता?’ उन्होंने जोर दिया, ‘पाकिस्तान को अपने घर को ठीक करना चाहिए।’
भारत के साथ संबंधों में सुधार
नई दिल्ली के साथ संबंधों पर टिप्पणी करते हुए, मुत्तकी ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान धीरे-धीरे सामान्यीकरण की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘अफगानिस्तान में शांति सभी के लिए शांति सुनिश्चित करती है, जिसमें भारतीय राजनयिक भी शामिल हैं।’ उन्होंने पुष्टि की कि अफगानिस्तान भारत में नए राजनयिक भेजने की योजना बना रहा है और आशा व्यक्त की कि दोनों देशों के बीच संबंध जल्द ही सामान्य स्तर पर लौट आएंगे।
अफगान दूतावास के झंडे का विवाद
नई दिल्ली में अफगान दूतावास में हालिया झंडे के विवाद पर मुत्तकी ने स्पष्ट किया कि तालिबान सरकार उसी झंडे के तहत काम करती है जिसके लिए उन्होंने लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा, ‘हमने इस झंडे के तहत जीत हासिल की है, और इसीलिए हमने इसे फहराया है।’
आंतरिक शासन और स्थिरता पर जोर
मुत्तकी ने इस बात पर जोर दिया कि अफगानिस्तान के आंतरिक मामले नियंत्रण में हैं और देश का मुख्य लक्ष्य – दशकों के संघर्ष को समाप्त करना – हासिल कर लिया गया है। उन्होंने कहा, ‘घर का मालिक जानता है कि इसे कैसे प्रबंधित करना है। 40 साल के युद्ध के बाद, पिछले चार वर्षों ने शांति लाई है। हम धीरे-धीरे प्रगति कर रहे हैं।’ उन्होंने यह भी पुष्टि की कि अफगानिस्तान के दूतावास अब पूरी तरह से तालिबान के नियंत्रण में हैं, हालांकि पिछले सरकारों के कई कर्मचारी वर्तमान प्रशासन के तहत काम कर रहे हैं।
पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई
पाकिस्तान के खिलाफ हालिया जवाबी हमलों के संबंध में, मुत्तकी ने पुष्टि की कि अफगान बलों ने लक्षित अभियान सफलतापूर्वक चलाए। उन्होंने कहा, ‘हमारे जवाबी अभियान ने कल रात अपने उद्देश्यों को प्राप्त किया।’ उन्होंने यह भी कहा कि तालिबान सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष सावधानी बरती कि नागरिकों को कोई नुकसान न पहुंचे।
बढ़ता सीमा पार तनाव
हाल के हफ्तों में सीमा पार हमलों और आतंकवादियों को पनाह देने के आपसी आरोपों के बाद पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। दोनों देशों ने विवादित सीमावर्ती इलाकों में हवाई और जमीनी अभियान चलाए हैं, जिससे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर संघर्ष की आशंका बढ़ गई है।