मिर्ज़ा ग़ालिब के शराब पर लिखे एक शेर से शुरुआत करते हैं: ‘गालिब छूटी शराब पर अब भी कभी-कभी, पीता हूं रोज़-ए-अब्र ओ शब-ए-माहताब में’। गालिब के इस शेर में शराब छूटने और फिर कभी-कभी पीने का ज़िक्र है। इसी तरह, हॉलीवुड फ़िल्मों में भी अक्सर शराब पीने के दृश्य दिखाए जाते हैं, जश्न या उदासी के मौकों पर।
लेकिन, हाल ही में एक सर्वे से पता चला है कि अमेरिका में लोगों ने शराब से दूरी बनाना शुरू कर दिया है। हेल्थ को लेकर जागरूकता बढ़ने के कारण, अब लोग शराब से परहेज कर रहे हैं।
गैलप के एक सर्वे के अनुसार, अमेरिका में शराब पीने वालों की संख्या घटकर 54% रह गई है, जो पिछले 90 सालों में सबसे कम है। 1939 में यह आंकड़ा 58% था, जो 1981 में 71% तक पहुंच गया था।
महिलाओं में शराब पीने की प्रवृत्ति पुरुषों की तुलना में अधिक घटी है। युवाओं में भी शराब से दूरी देखी जा रही है, जो अपनी फिटनेस और हेल्थ पर ध्यान दे रहे हैं।
सर्वे में यह भी सामने आया है कि ज़्यादातर अमेरिकी मानते हैं कि सीमित मात्रा में भी शराब पीना सेहत के लिए नुकसानदायक है।
शराब पीने वालों में भी बदलाव आया है। अब कम लोग मानते हैं कि उन्होंने पिछले 24 घंटों में शराब पी है। पिछले 7 दिनों में शराब की खपत भी कम हुई है। बीयर अब भी सबसे लोकप्रिय है, लेकिन वाइन और लिकर भी पसंद किए जाते हैं।
शराब से दूरी बनाने का मुख्य कारण हेल्थ को लेकर बढ़ती जागरूकता है। लोग अब मानते हैं कि शराब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
CDC की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में हर साल लगभग 1,78,000 मौतें शराब के कारण होती हैं। भारत में भी लगभग 30 करोड़ लोग शराब पीते हैं, जिनमें से आधे सस्ती या बिना ब्रांड की शराब पीते हैं। हालांकि, भारत में शराब की बिक्री में वृद्धि देखी जा रही है।