थाईलैंड के सांसदों ने पूर्व व्यवसायी और राजनीतिक दिग्गज अनुतिन चार्नविराकुल को प्रधानमंत्री चुना है। वह कोविड महामारी के दौरान थाईलैंड के स्वास्थ्य मंत्री थे। चार्नविराकुल को ‘कैनबिस किंग’ के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि उन्होंने 2022 में गांजे को अपराधमुक्त करने का समर्थन किया था।
चार्नविराकुल बीते एक दशक से थाई राजनीति के किंगमेकर रहे हैं। उन्हें संसद के निचले सदन में जीत हासिल करने के लिए 247 वोट मिले हैं। चार्नविराकुल ने 5 सितंबर को थाईलैंड की संसद (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स) में बहुमत हासिल किया था। थाई संसद में 492 सक्रिय सदस्य हैं।
चार्नविराकुल इस साल थाईलैंड में चुने गए तीसरे प्रधानमंत्री हैं। यहां पिछले 17 साल में अदालत 5 प्रधानमंत्रियों को हटा चुकी है। पिछले हफ्ते थाईलैंड की अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा को नैतिकता के उल्लंघन का दोषी पाया था। जिसके बाद उन्हें पद छोड़ना पड़ा और नया प्रधानमंत्री चुनने के लिए वोटिंग हुई। यह फैसला थाईलैंड के लिए एक नया झटका है, जो पैतोंगटार्न के 10 महीने के कार्यकाल के दौरान राजनीतिक और आर्थिक संकट से जूझ रहा है। थाईलैंड की अर्थव्यवस्था व्यापार और पर्यटन पर निर्भर है। यह अमेरिका को सबसे ज्यादा निर्यात करता है, लेकिन 19% अमेरिकी टैरिफ की वजह से थाईलैंड की GDP ग्रोथ धीमी पड़ चुकी है।
चार्नविराकुल की भुमजैथाई पार्टी संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। भुमजैथाई ने इस हफ्ते सबसे बड़ी विपक्षी पीपुल्स पार्टी के साथ समझौता किया और उनका समर्थन हासिल किया। समझौते के तहत चार्नविराकुल ने 4 महीने के भीतर संसद भंग करने और आम चुनाव कराने का वादा किया है। पीपुल्स पार्टी को 2023 के चुनाव में सबसे ज्यादा वोट मिले थे, लेकिन शाही मानहानि कानून में सुधार की पार्टी की मांगों के कारण उसे सत्ता से बाहर कर दिया गया। पीपुल्स पार्टी चार्नविराकुल को सरकार चलाने के लिए बाहर से समर्थन देगी।
58 साल के चार्नविराकुल एक रूढ़िवादी और कट्टर देशभक्त हैं। वह पैतोंगटार्न की गठबंधन सरकार में गृह मंत्री रह चुके हैं। चार्नविराकुल का प्रधानमंत्री बनना फ्यू थाई पार्टी के लिए एक झटका है। इस पार्टी ने पैतोंगटार्न के पिता थाकसिन शिनावात्रा के संरक्षण में 2 दशकों तक थाई राजनीति पर अपना दबदबा बनाए रखा था। थाकसिन 2001 से 2006 तक प्रधानमंत्री रहे। 2006 में उन्हें सेना ने सत्ता से हटा दिया।