बांग्लादेश एक गंभीर संकट में फंस गया है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग ने तख्तापलट से तीन साल पहले रूस से दो हेलीकॉप्टर खरीदे थे। अब, अमेरिका के प्रतिबंधों के कारण, इन हेलीकॉप्टरों को प्राप्त करना मुश्किल हो गया है, जबकि बांग्लादेश सरकार पहले ही भारी भुगतान कर चुकी है।
लगभग 4 अरब टका के सौदे में से, 2.98 अरब टका का भुगतान किया जा चुका है। यदि समझौता रद्द किया जाता है, तो भारी वित्तीय नुकसान का जोखिम है। दूसरी ओर, हेलीकॉप्टर आयात करने से अमेरिका के साथ राजनयिक तनाव बढ़ सकता है। पूर्व आवामी लीग सरकार ने आतंकवाद विरोधी अभियानों और दूरदराज के क्षेत्रों में पुलिस क्षमताओं को बढ़ाने के लिए रूस से Mi-171A2 मॉडल के दो हेलीकॉप्टर खरीदने का फैसला किया था। 10 फरवरी 2021 को पुलिस मुख्यालय में रूस की कंपनी JSC Russian Helicopters के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए थे। अक्टूबर 2021 में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति से मंजूरी मिली और नवंबर में औपचारिक समझौता हुआ। फरवरी और अप्रैल 2023 में हेलीकॉप्टर भेजने की योजना थी, लेकिन अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण प्रक्रिया रोक दी गई। अप्रैल 2021 में ही अमेरिका ने कई रूसी रक्षा कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिनमें Russian Helicopters भी शामिल है। इस पर सवाल उठ रहे हैं कि सरकार ने प्रतिबंधों को जानते हुए भी यह डील क्यों की और भुगतान क्यों किया। हेलीकॉप्टर अभी भी रूस के गोदामों में हैं और रखरखाव की लागत भी बढ़ रही है। अगर सौदा रद्द होता है, तो कंपनी अनुबंध की शर्तों के तहत पूरा खर्च वसूलने का दावा कर सकती है और मामला अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता तक जा सकता है। विदेश मंत्रालय अमेरिका को यह समझाने की कोशिश कर रहा है कि हेलीकॉप्टर नागरिक उपयोग के लिए हैं और आपदा प्रबंधन में इस्तेमाल होंगे। विदेश मंत्रालय का मानना है कि अगर बांग्लादेश हेलीकॉप्टर लाने पर अड़ा रहा, तो इसका अमेरिका-बांग्लादेश संबंधों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि अमेरिका से टकराव बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदेह हो सकता है, क्योंकि दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध काफी गहरे हैं।