कनाडा ने स्वीकार किया है कि भारत के खिलाफ गतिविधियों के लिए उसकी धरती का उपयोग किया जा रहा है और खालिस्तानी आतंकवादी संगठनों को वित्तीय सहायता मिल रही है। कनाडा सरकार की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि खालिस्तानी चरमपंथी समूहों को देश के भीतर से वित्तीय मदद मिल रही है। 2025 की रिपोर्ट में बब्बर खालसा इंटरनेशनल और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन जैसे खालिस्तानी चरमपंथी समूहों की पहचान की गई है जिन्हें कनाडा के भीतर से वित्तीय सहायता मिल रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 1980 के दशक के मध्य से खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा भारत में ‘खालिस्तान’ बनाने के लिए हिंसा का इस्तेमाल करने की कोशिश के माध्यम से कनाडा में राजनीतिक रूप से प्रेरित हिंसक चरमपंथ का खतरा बढ़ा है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि राजनीति से प्रेरित हिंसक चरमपंथ ने नई राजनीतिक व्यवस्था स्थापित करने के लिए हिंसा का इस्तेमाल किया। रिपोर्ट के अनुसार, धार्मिक तत्व भी इसमें शामिल हो सकते हैं लेकिन इसका ध्यान नस्लीय या जातीय वर्चस्व के बजाय राजनीतिक आत्मनिर्णय या प्रतिनिधित्व पर केंद्रित होता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कनाडा में कई आतंकवादी संगठन, जैसे हमास, हिजबुल्ला, बब्बर खालसा इंटरनेशनल और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन, कनाडा के अंदर से ही वित्तीय सहायता प्राप्त करते हैं।
रिपोर्ट में हिजबुल्ला को कनाडा से धन प्राप्त करने वाला दूसरा सबसे अधिक चिह्नित अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन बताया गया है। यह भी बताया गया है कि ये समूह बैंकिंग, क्रिप्टोकरेंसी, सरकारी वित्तपोषण, धर्मार्थ और गैर-लाभकारी संगठनों के दुरुपयोग और आपराधिक गतिविधियों सहित कई तरीकों से धन जुटाते हैं।
रिपोर्ट में सामने आया है कि खालिस्तानी चरमपंथी समूहों पर कनाडा सहित कई देशों में धन जुटाने का संदेह है, जो भारत में एक स्वतंत्र क्षेत्र स्थापित करने के लिए हिंसा का समर्थन करते हैं। इन समूहों के पास पहले कनाडा में धन उगाही का नेटवर्क था, लेकिन अब इनमें ऐसे व्यक्तियों के छोटे समूह शामिल हैं जो इस मुद्दे के प्रति निष्ठा रखते हैं।