चीन ने एक ही दिन में एक ही परिवार के 16 लोगों को मौत की सजा सुनाई। चीन की एक अदालत ने सोमवार को म्यांमार में ठगी केंद्र चलाने वाले मिंग परिवार के 16 सदस्यों को मौत की सजा सुनाई। मिंग परिवार के दर्जनों सदस्यों को आपराधिक गतिविधियों का दोषी पाया गया, जिनमें से कई को लंबी जेल की सजा दी गई है। मिंग परिवार उन 4 कबीलों में से एक के लिए काम करता था, जिन्होंने चीन की सीमा के पास म्यांमार के छोटे से कस्बे लौक्काइंग (Laukkaing) को जुए, ड्रग्स और ठगी केंद्रों का अड्डा बना दिया था। 2023 में म्यांमार ने कार्रवाई करते हुए इन परिवारों के कई सदस्यों को गिरफ्तार कर चीन को सौंप दिया। इसके बाद चीन ने परिवार के खिलाफ सख्त एक्शन लिया है। कुल 39 मिंग परिवार के सदस्यों को सोमवार को चीन के पूर्वी शहर वेनझोउ (Wenzhou) में सजा सुनाई गई।
परिवार के 39 सदस्यों में से 11 लोगों को मौत की सजा, 5 को 2 साल के सस्पेंशन के साथ मौत की सजा, 11 को उम्रकैद और बाकी को 5 से 24 साल तक की सजा सुनाई गई। अदालत ने पाया कि 2015 से मिंग परिवार और बाकी आपराधिक समूह टेलीकॉम ठगी, अवैध कसीनो, ड्रग्स की तस्करी और वेश्यावृत्ति जैसी गतिविधियों में शामिल थे। अदालत के मुताबिक, उनके जुए और ठगी के कारोबार से 10 अरब युआन (लगभग 1.4 अरब डॉलर) की कमाई हुई। माना जाता है कि इन परिवारों के कसीनो हर साल कई अरब डॉलर का लेन-देन करते थे।
अदालत ने यह भी कहा कि मिंग परिवार और बाकी गिरोह कई ठगी केंद्रों के मजदूरों की मौत के जिम्मेदार थे। एक घटना में तो उन्होंने चीन वापस लौटने से रोकने के लिए मजदूरों पर गोली चला दी थी। शुरुआत में यह कारोबार चीन में जुए की भारी मांग को पूरा करने के लिए शुरू हुआ था, क्योंकि चीन और पड़ोसी देशों में जुआ गैरकानूनी है। धीरे-धीरे लौक्काइंग के कसीनो मनी लॉन्ड्रिंग, तस्करी और ठगी केंद्रों के मुखौटे में बदल गए। इन्हें संयुक्त राष्ट्र ने Scamdemic की इंजन रूम कहा है, जिसमें 1 लाख से ज्यादा विदेशी नागरिकों (ज्यादातर चीनी) को ठगी केंद्रों में फंसाकर कैद कर लिया जाता था और उनसे ऑनलाइन ठगी के लिए लंबे समय तक काम करवाया जाता था।
मिंग परिवार कभी म्यांमार के शान राज्य (Shan State) का सबसे ताकतवर परिवारों में से एक था। उन्होंने लौक्काइंग में कम-से-कम 10 हजार मजदूरों को ठगी केंद्रों में रखा हुआ था। इनमें सबसे कुख्यात “क्राउचिंग टाइगर विला” (Crouching Tiger Villa) था, जहां मजदूरों को नियमित रूप से पीटा और प्रताड़ित किया जाता था। दो साल पहले, विद्रोही समूहों के गठबंधन ने एक बड़ा हमला कर म्यांमार की सेना को शान राज्य के बड़े हिस्से से खदेड़ दिया और लौक्काइंग पर कब्जा कर लिया। माना जाता है कि चीन, जिसका इन समूहों पर काफी असर है, उसने इस हमले को हरी झंडी दी थी।
मिंग परिवार के मुखिया मिंग शुएचांग ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली, जबकि बाकी सदस्यों को चीन के हवाले कर दिया गया। कुछ ने अदालत में पछतावा भी जताया। ठगी केंद्रों में काम करने वाले हजारों लोगों को भी चीनी पुलिस को सौंप दिया गया।
इन सजाओं के जरिए चीन ने यह संदेश दिया है कि वो अपनी सीमा पर ठगी के कारोबार से सख्ती से निपटेगा। बीजिंग के दबाव में थाईलैंड ने भी इस साल म्यांमार की सीमा पर ठगी केंद्रों पर कार्रवाई की। फिर भी, यह कारोबार अपने तरीके बदल चुका है। अब इसका बड़ा हिस्सा कंबोडिया में चल रहा है, हालांकि, म्यांमार में भी यह जारी है।