चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार को नई दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। वांग ने कहा कि दोनों पक्षों को अपने 75 वर्षों के इतिहास से सबक सीखना चाहिए और एक-दूसरे को प्रतिद्वंद्वी या खतरे के रूप में देखने के बजाय साझेदार के रूप में देखना चाहिए। वांग ने कहा कि दो महान पूर्वी सभ्यताओं का पुनरुत्थान एक-दूसरे को मजबूत करेगा, जिससे एशिया और दुनिया को स्थिरता मिलेगी।
वांग ने जोर देकर कहा कि चीन और भारत को द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के लिए सकारात्मक गति बनाए रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज की दुनिया में तेजी से बदलाव हो रहे हैं, एकतरफा दादागिरी की प्रथाएं बढ़ रही हैं, और मुक्त व्यापार और अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है। वांग ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की 80वीं वर्षगांठ पर मानवता भविष्य की दिशा तय करने के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ी है।
जयशंकर ने कहा कि यह आपसी हित के मुद्दों पर बात करने का सही समय है। वांग ने अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा की शुरुआत की, और जयशंकर ने भारत और चीन के बीच विशेष प्रतिनिधियों की 24वें दौर की वार्ता में उनका स्वागत किया। जयशंकर ने कहा कि यह द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने, वैश्विक स्थिति पर चर्चा करने और आपसी हित के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर है। दोनों नेताओं ने चीन-भारत आर्थिक और व्यापारिक मुद्दों, तीर्थयात्राओं, नदी डेटा साझाकरण, सीमा व्यापार, संपर्क और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की।
चीनी विदेश मंत्री वांग, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के साथ सीमा मुद्दों पर विशेष बातचीत करेंगे। वांग और डोभाल सीमा वार्ता के लिए नामित विशेष प्रतिनिधि हैं। यह मुलाकात मंगलवार सुबह 11 बजे होगी। डोभाल दिसंबर 2024 में चीन गए थे, जहां उन्होंने वांग के साथ विशेष प्रतिनिधि वार्ता की थी। इसके बाद वांग शाम 5:30 बजे प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी 31 अगस्त से दो दिन के दौरे पर चीन जा रहे हैं, जहां वे बीजिंग में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भाग लेंगे। मोदी 2018 के बाद पहली बार चीन जा रहे हैं। बतौर प्रधानमंत्री, यह उनका छठा चीन दौरा होगा।