जब किसी की जान बचाने की बात आती है, तो डॉक्टर देवदूत बनकर सामने आते हैं। चीन से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें डॉक्टरों ने एक इंसान की जान बचाने के लिए सूअर के फेफड़े का इस्तेमाल किया है। चीन के वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने ‘नेचर मेडिसिन’ में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया कि उन्होंने पहली बार एक सूअर के फेफड़े को एक इंसान में लगाया है। यह ट्रांसप्लांट दक्षिणी चीनी शहर गुआंगझोउ में नेशनल क्लिनिकल रिसर्च के वैज्ञानिकों ने किया। उन्होंने दिमागी रूप से मृत एक व्यक्ति में सुअर का फेफड़ा लगाया, जो सर्जरी के बाद 9 दिनों तक ठीक से काम करता रहा। विभिन्न प्रजातियों के अंगों के ट्रांसप्लांट को ज़ेनोट्रांसप्लांटेशन कहा जाता है, जो अंग-अभाव संकट का संभावित समाधान हो सकता है। गुआंगझोउ अध्ययन के अनुसार, सूअरों से मनुष्यों में दिल और गुर्दे के ज़ेनोट्रांसप्लांटेशन में प्रगति हुई है, लेकिन फेफड़े अपनी जटिलताओं के कारण चुनौतियां पेश करते हैं। बाहरी हवा के संपर्क में आने से फेफड़ों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, वैज्ञानिकों ने 22 महीने के, 70 किलोग्राम के नर चीनी बामा जियांग सूअर से लिए गए फेफड़े को 39 साल के एक पुरुष रोगी में ट्रांसप्लांट किया, जो एक सप्ताह से अधिक समय तक निगरानी में रहा।
चीन में डॉक्टरों की कामयाबी: सुअर का फेफड़ा इंसान में प्रत्यारोपित
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