अमेरिका के मिशिगन राज्य में एक चर्च में हुई गोलीबारी और आगजनी की घटना ने देश में धार्मिक स्वतंत्रता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस हमले में पांच लोगों की जान चली गई और आठ घायल हो गए। फैमिली रिसर्च काउंसिल (FRC) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में अमेरिका में चर्चों पर 415 हमले हुए, जिनमें तोड़फोड़, आगजनी और गोलीबारी जैसी घटनाएं शामिल हैं।
प्यू रिसर्च सेंटर के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में 62% ईसाई आबादी है, इसके बावजूद चर्चों पर हमले चिंताजनक हैं। FRC ने 2018 से चर्चों पर हमलों को ट्रैक करना शुरू किया था और अब तक ऐसे 1,384 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। पिछले साल सबसे ज्यादा तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं, जिनकी संख्या 284 थी। कैलिफ़ोर्निया, पेंसिल्वेनिया, फ्लोरिडा और न्यूयॉर्क जैसे राज्यों में सबसे अधिक हमले हुए।
एफआरसी के अध्यक्ष टोनी पर्किन्स ने इन हमलों को आस्था के प्रति गहरी सांस्कृतिक दुश्मनी का संकेत बताया है। कैथोलिकवोट के अनुसार, मई 2020 से अब तक कम से कम 518 कैथोलिक चर्चों पर हमले हुए हैं, लेकिन इनमें से केवल 30% मामलों में ही गिरफ्तारियां हो पाई हैं। धार्मिक स्वतंत्रता के लिए सांस्कृतिक समर्थन मजबूत करने की आवश्यकता है। मिशिगन चर्च के आरोपी थॉमस सैनफोर्ड को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस घटना की निंदा की है और इसे ईसाइयों पर एक और लक्षित हमला बताया है।