दुनिया में ऐसे कई देश हैं जहाँ एक भी स्थायी नदी नहीं बहती। बावजूद इसके, ये राष्ट्र न केवल अपने नागरिकों के लिए जीवनयापन की व्यवस्था करते हैं, बल्कि कृषि और शहरी विकास को भी बनाए रखते हैं। ये कैसे संभव है? इसका जवाब है उन्नत तकनीक और जल प्रबंधन की कुशल रणनीतियाँ।

**मध्य पूर्व में नदियों का अभाव:**
मध्य पूर्व के कई देश, जैसे सऊदी अरब, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), कतर, बहरीन, ओमान और यमन, स्थायी नदियों के बिना जी रहे हैं। लाखों साल पहले भले ही यहाँ नदियाँ बहती रही हों, लेकिन आज की अत्यधिक शुष्कता और कम वर्षा ने इन इलाकों को सूखा बना दिया है। सऊदी अरब अपने शहरों, खेतों और उद्योगों की प्यास बुझाने के लिए दुनिया के सबसे बड़े स्तर पर विलवणीकरण (desalination) संयंत्रों से पानी का उत्पादन करता है।
ओमान और यूएई ‘वाडी’ (Wadis) नामक मौसमी धाराओं पर निर्भर हैं, जो भारी बारिश के बाद ही बनती हैं और जल्दी ही सूख जाती हैं। कतर पीने के पानी के लिए आयात पर निर्भर है, जबकि बहरीन अपने प्राकृतिक झरनों के सूख जाने और समुद्री जल के रिसाव के कारण लगभग पूरी तरह विलवणीकरण पर निर्भर हो गया है।
**अफ्रीका और यूरोप के नदीहीन देश:**
अफ्रीका में, लीबिया और जिबूती रेगिस्तानी जलवायु के कारण स्थायी नदियों से वंचित हैं। यूरोप में भी ऐसे कुछ क्षेत्र हैं जहाँ नदियाँ नहीं बहतीं, जैसे माल्टा, मोनाको और वेटिकन सिटी। इन देशों में सीमित वर्षा और छोटे भूभाग के कारण नदियाँ बन ही नहीं पातीं। यहाँ के निवासी भूजल और वर्षा जल संचयन प्रणालियों पर निर्भर हैं।
**द्वीप राष्ट्रों की जल चुनौती:**
ओशनिया और कैरिबियन सागर के कई द्वीप राष्ट्र, जैसे बहामास, मालदीव, किरिबाती, मार्शल द्वीप समूह, नाउरू, टोंगा और तुवालु, में भी स्थायी नदियाँ नहीं हैं। ये देश मुख्य रूप से वर्षा जल संचयन और छोटे भूमिगत जलभृतों (aquifers) पर निर्भर करते हैं। मालदीव जैसे देशों के लिए, बढ़ता समुद्री जल स्तर और भूजल का दूषित होना, ताजे पानी की उपलब्धता के लिए गंभीर चुनौतियाँ पैदा कर रहा है।
**मानव नवाचार की जीत:**
नदियों की अनुपस्थिति के बावजूद, ये देश नवाचार और प्रौद्योगिकी के माध्यम से फल-फूल रहे हैं। रियाद, दुबई और दोहा जैसे शहर बड़े पैमाने पर विलवणीकरण संयंत्रों और स्मार्ट शहरी नियोजन जैसी तकनीकी समाधानों से विकसित हुए हैं। यह दिखाता है कि मानव सरलता प्राकृतिक सीमाओं को कैसे पार कर सकती है और सबसे कठिन वातावरण में भी जल सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती है।
**बिना नदियों वाले प्रमुख देश:**
सऊदी अरब, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, बहरीन, ओमान, यमन, लीबिया, जिबूती, मालदीव, माल्टा, मोनाको, वेटिकन सिटी, नाउरू, किरिबाती, तुवालु, मार्शल द्वीप समूह, टोंगा।
ये देश इस बात का प्रमाण हैं कि नदियों के बिना भी, आधुनिक तकनीक और सचेत योजना के साथ मानव जीवन संभव है।





