नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं का आंदोलन राजनीतिक उथल-पुथल में बदल गया, जिसके परिणामस्वरूप प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा और देश सेना के नियंत्रण में आ गया। 17 साल पहले नेपाल ने राजशाही से लोकतंत्र की ओर कदम बढ़ाया था, लेकिन अब राजशाही की वापसी की मांग हो रही है।
यह सिर्फ नेपाल की कहानी नहीं है। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस (IDEA) की ‘द ग्लोबल स्टेट ऑफ डेमोक्रेसी 2025’ रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक साल में दुनिया के कई लोकतांत्रिक देशों में भी लोकतंत्र कमजोर हुआ है। रिपोर्ट में 2024 में 173 देशों का विश्लेषण किया गया, जिनमें से 94 देशों में लोकतंत्र कमजोर हुआ, जबकि केवल एक तिहाई देशों ने ही प्रगति दर्ज की। रिपोर्ट के अनुसार, फ्री एंड फेयर इलेक्शन, न्याय तक पहुंच और प्रभावी संसद के क्षेत्र में लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सबसे बड़ा असर पड़ा।