अफगानिस्तान में शुक्रवार को एक बार फिर धरती कांप उठी। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, देश के कुछ हिस्सों में 4.1 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। यह भूकंप सतह से 178 किलोमीटर की गहराई पर दर्ज किया गया।

NCS ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में बताया कि भूकंप का समय 21 नवंबर 2025 को रात 9:33:32 बजे (IST) था। भूकंप का अक्षांश (Latitude) 36.45° N और देशांतर (Longitude) 70.99° E दर्ज किया गया। यह स्थान अफगानिस्तान में था।
यह पहली बार नहीं है जब अफगानिस्तान में भूकंप आया है। इसी दिन, यानी 21 नवंबर 2025 को, इससे पहले भी 4.3 तीव्रता का भूकंप आया था, जो 170 किलोमीटर की गहराई पर महसूस किया गया था। उस समय भूकंप के निर्देशांक (Latitude) 36.40° N और (Longitude) 70.52° E थे।
गौरतलब है कि 4 नवंबर को आए एक शक्तिशाली भूकंप ने अफगानिस्तान के उत्तरी क्षेत्र को हिलाकर रख दिया था। इस भीषण भूकंप में कम से कम 27 लोगों की जान चली गई थी और 956 से अधिक लोग घायल हुए थे। तालिबान के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि की थी। इस भूकंप से देश की ऐतिहासिक मस्जिदों को भी काफी नुकसान पहुंचा था।
यह 6.3 तीव्रता का भूकंप मजा-ए-शरीफ शहर के पास आया था, जो देश के उत्तरी भाग के घनी आबादी वाले शहरों में से एक है। अमेरिका के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप की गहराई केवल 28 किलोमीटर (17.4 मील) थी, जिसके कारण इसका प्रभाव काफी विनाशकारी रहा।
अफगानिस्तान भूकंपीय रूप से एक अत्यंत सक्रिय क्षेत्र में स्थित है। हिंदू कुश पर्वत श्रृंखलाएं भूवैज्ञानिक रूप से अस्थिर हैं, जहाँ हर साल कई बार भूकंप आते रहते हैं। भारत और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के बीच स्थित होने के कारण, अफगानिस्तान कई फॉल्ट लाइनों पर बसा है, जिससे यहां भूकंपीय गतिविधियां आम हैं। इन प्लेटों के टकराने से लगातार कंपन होता रहता है।
संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (UNOCHA) के अनुसार, अफगानिस्तान न केवल भूकंप, बल्कि बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के प्रति भी अत्यधिक संवेदनशील है। दशकों के संघर्ष और अविकसितता से जूझ रहे अफगान समुदाय भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से उबरने में और भी अधिक कठिनाइयों का सामना करते हैं, जिससे उनकी लचीलापन क्षमता बहुत कम हो जाती है।




