बिजनेसमैन एलन मस्क अब मुश्किलों में घिरते नजर आ रहे हैं। उन पर 1 मिलियन डॉलर की चुनावी लॉटरी के जरिए मतदाताओं को धोखा देने का आरोप लगा है, जिसके कारण अमेरिकी अदालत ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। मस्क ने तर्क दिया था कि यह लॉटरी नहीं थी, लेकिन अदालत ने उनके इस दावे को खारिज कर दिया।
अमेरिकी वोटरों का आरोप है कि मस्क ने धोखे से अमेरिकी संविधान का समर्थन करने वाली एक याचिका पर हस्ताक्षर करवाए थे, जिसमें 10 लाख डॉलर जीतने का वादा किया गया था। वोटर्स का कहना है कि दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति द्वारा इस तरह का धोखा उचित नहीं है, जिसके कारण अदालत ने मस्क के खिलाफ केस चलाने का आदेश दिया है।
टेक्सास के ऑस्टिन में अमेरिकी जिला जज रॉबर्ट पिटमैन ने कहा कि जैकलीन मैकएफर्टी ने अपनी सामूहिक याचिका में आरोप लगाया है कि मस्क और उनकी राजनीतिक कार्रवाई समिति, अमेरिका पीएसी ने 2024 के चुनाव अभियान के अंत में, इनाम के तौर पर उन्हें व्यक्तिगत पहचान संबंधी जानकारी देने के लिए गलत तरीके से प्रेरित किया गया। एलन मस्क के खिलाफ यह केस चुनाव के दिन, 5 नवंबर, 2024 को दायर किया गया था।
मैकएफर्टी ने कहा कि मस्क और अमेरिका पीएसी ने सात विवादित राज्यों के मतदाताओं को अपनी याचिका पर साइन करने के लिए लॉटरी का सहारा लिया था, जबकि लॉटरी में पैसा जीतने का कोई प्रावधान नहीं था। केस दर्ज कराने वालों ने कहा कि साइन करने वाले मतदाताओं को नाम, पते, ईमेल और फ़ोन नंबर भी देने को कहा गया था।
याचिका को खारिज करने की मांग करते हुए, मस्क ने कई “लाल निशान” बताए थे, जो इस बात का सबूत थे कि उन्होंने कोई अवैध लॉटरी नहीं चलाई थी। उन्होंने कहा कि इसमें यह भी शामिल था कि 10 लाख डॉलर के प्राप्तकर्ता “पैसे कमाने के लिए” चुने गए थे। जस्टिस ने अन्य बयानों का हवाला दिया, जिनसे पता चलता है कि प्रतिवादी 10 लाख डॉलर “दे रहे” थे, और यह राशि “जीती” जा सकती थी। अदालत ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं किया गया था कि राशि नहीं जीती जा सकती है।