यूरोपीय संघ (EU) ने रूस द्वारा हवाई क्षेत्र में बार-बार घुसपैठ के मद्देनजर अपनी पूर्वी सीमा पर एक ‘ड्रोन वॉल’ स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य ड्रोन का पता लगाना और उन्हें निष्क्रिय करना है। इस परियोजना की पहली बैठक में बुल्गारिया, डेनमार्क, एस्टोनिया, हंगरी, लातविया, लिथुआनिया, पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाकिया और फिनलैंड जैसे देशों ने हिस्सा लिया। यूक्रेन को भी आमंत्रित किया गया था, क्योंकि वह ड्रोन तकनीक में विशेषज्ञता रखता है। नाटो बैठक में पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद था। इस मुद्दे पर अगले हफ्ते कोपेनहेगन में EU नेताओं की एक अनौपचारिक बैठक में फिर से चर्चा की जाएगी। हाल के हफ्तों में, पोलैंड, रोमानिया, एस्टोनिया और डेनमार्क में कई ड्रोन देखे गए हैं। पोलैंड में 19 रूसी ड्रोन घुसे, जबकि कोपेनहेगन हवाई अड्डे पर ड्रोन की उपस्थिति के कारण उड़ानें बाधित हुईं। डेनमार्क की प्रधानमंत्री ने कहा कि रूस की भूमिका से पूरी तरह इनकार नहीं किया जा सकता है, हालांकि सबूत अभी तक उपलब्ध नहीं हैं। स्वीडन ने डेनमार्क को एंटी-ड्रोन सिस्टम उधार देने की पेशकश की है। EU कमिश्नर ने कहा कि ड्रोन वॉल के लिए रडार, ध्वनिक सेंसर और अन्य तकनीकों की आवश्यकता होगी। रूस के आक्रामक युद्ध ने EU को अपनी सुरक्षा मजबूत करने के लिए कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है।







