बारिश ने भारत के साथ-साथ पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी तबाही मचाई है। भारी बारिश के कारण, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बाढ़ से हालात बदतर हो गए हैं। सैकड़ों गांव पानी में डूब गए हैं और लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर हैं। अधिकारियों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में बाढ़ से 17 लोगों की मौत हो गई है। सतलुज, रावी और चिनाब नदियों में आई बाढ़ से 13 करोड़ से अधिक आबादी वाले प्रांत में व्यापक स्तर पर लोगों को निकाला गया है। लाखों एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हो गई है।
संघीय विकास मंत्री अहसान इकबाल ने भारत पर जल आक्रमण का आरोप लगाया है, उनका कहना है कि भारत ने जल क्षेत्र में आक्रामकता दिखाई है। उन्होंने कहा कि यह एक प्राकृतिक आपदा है और इससे दोनों देशों को मिलकर निपटना चाहिए था। पाकिस्तान ने राहत और बचाव कार्यों में मदद के लिए सेना बुलाई है। भारत से चेतावनी मिली है कि वह माधोपुर बांध से पानी छोड़ सकता है।
प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, चेनाब और सतलुज नदियों में जलस्तर बढ़ रहा है। अब तक ढाई लाख से अधिक लोगों को निकाला जा चुका है और राहत कार्य जारी है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। चिनाब नदी के किनारे बसे 340 गांव और सतलुज नदी के किनारे बसे 335 गांव बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। करतारपुर गलियारा परिसर भी जलमग्न हो गया है।