चीन में कब्रिस्तान चलाने वाली और अंतिम संस्कार सेवाएँ प्रदान करने वाली सबसे बड़ी कंपनी, फू शू युआन, इस समय घाटे में चल रही है। कंपनी को यह घाटा पिछले एक दशक में पहली बार हुआ है। चीन में वर्तमान में मुद्रास्फीति का दौर चल रहा है, जिससे उपभोक्ता कम खर्च कर रहे हैं, और इसका असर फू शू युआन पर भी पड़ा है।
शुक्रवार को जारी नतीजों के अनुसार, शंघाई स्थित 31 साल पुरानी कंपनी को इस साल के पहले छह महीनों में 261 मिलियन युआन (36.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का घाटा हुआ, जो 2010 के बाद से उसका पहला घाटा है। कंपनी का कुल राजस्व 44.5% गिरकर 610.9 मिलियन युआन रह गया है।
दफनाने की सेवाओं से होने वाला राजस्व, जिसमें मुख्य रूप से दफनाने के लिए जमीन की बिक्री शामिल है, 47% गिरकर 477 मिलियन युआन रह गया, जबकि अंतिम संस्कार सेवाओं में 34% की गिरावट आई और कुल राजस्व 122 मिलियन युआन रह गया।
कंपनी ने इस नुकसान के पीछे कई बाहरी चुनौतियों का हवाला दिया है। कंपनी का कहना है कि आर्थिक माहौल में ग्राहक मरने के बाद की सेवाओं पर खर्च करने में सावधानी बरत रहे हैं, जबकि उद्योग में प्रतिस्पर्धा भी बढ़ रही है।
चीन में एक बड़ी आबादी तेजी से बूढ़ी हो रही है, पहले कंपनी को हर साल दोहरे अंकों की वृद्धि होती थी, लेकिन अब फू शू युआन की स्थिति दबाव में है। आर्थिक मंदी, संपत्ति में गिरावट और अनिश्चित रोजगार संभावनाओं के बीच, फू शू युआन की विकास गति धीमी हो गई है।
सरकार द्वारा घरेलू खर्च को बढ़ावा देने के बावजूद, जुलाई में खुदरा बिक्री में पिछले साल की तुलना में सिर्फ 3.7% की वृद्धि हुई, जो जून में 4.8% की वृद्धि से कम है।
हाल के वर्षों में, देश ने पर्यावरण के अनुकूल और किफायती अंतिम संस्कार विकल्पों को भी बढ़ावा दिया है, जिसमें राख को समुद्र में या फूलों की क्यारियों में बिखेरना शामिल है। आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले पांच सालों में लगभग 2 लाख लोगों को समुद्र में दफनाया गया।
फू शू युआन के अनुसार, इस साल की पहली छमाही में दफन भूखंडों की औसत बिक्री कीमत 48% से घटकर लगभग 63 हजार युआन रह गई।