नेपाल के बाद, मोरक्को में भी Gen-Z युवा सड़कों पर उतर आए हैं, विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सितंबर के आखिरी हफ़्तों से शुरू हुआ यह विरोध पूरे देश में फैल गया है। अब, नेपाल की तरह, मोरक्को के युवा भी सरकार को हटाने की मांग कर रहे हैं। मोरक्को के युवा राजा से सरकार को भंग करने की मांग कर रहे हैं। इन विरोध प्रदर्शनों में अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है।
मोरक्को के युवा समूह GenZ 212 ने सरकार से इस्तीफे की मांग की है। वे देश में भ्रष्टाचार, बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं, मजबूत शिक्षा व्यवस्था, भ्रष्टाचार पर अंकुश और रोजगार की कमी को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। युवाओं की नाराजगी सरकार से इतनी बढ़ गई है कि उन्होंने सरकार को गिराने की मांग की है।
सरकार गिराने की मांग
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहे, लेकिन मंगलवार और बुधवार को पुलिस की सख्ती के बाद हिंसा और तोड़फोड़ हुई, जिसमें पुलिस की कार्रवाई से तीन लोगों की मौत हो गई। GenZ 212 ने राजा मोहम्मद VI को संबोधित एक बयान जारी किया, जिसमें सरकार को बर्खास्त करने की मांग की गई। समूह ने कहा, “हम वर्तमान सरकार को भंग करने की मांग करते हैं, क्योंकि वह मोरक्को के नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने और उनकी सामाजिक मांगों का जवाब देने में नाकाम रही है।”
उन्होंने भ्रष्टाचार के जिम्मेदार लोगों पर मुकदमा चलाने के लिए एक निष्पक्ष न्यायिक प्रक्रिया शुरू करने की भी मांग की। इससे पहले, प्रधानमंत्री अजीज अखन्नौश ने युवाओं के प्रदर्शनों को लेकर सरकार की ओर से सामाजिक मांगों का जवाब देने और संवाद के लिए तैयार रहने की बात कही थी।
स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा?
बुधवार को संसद में स्वास्थ्य मंत्री अमीन तह्राऊई ने स्वीकार किया कि कई स्वास्थ्य सुधारों के बावजूद अब तक की उपलब्धियां अपर्याप्त हैं। एक दिन पहले, आवास मंत्री फातिमा जहरा मंसूरी ने भी सरकार की नाकामियों को माना। उन्होंने कहा, “हम असफल रहे। अगर हम सफल हुए होते, तो आज हमें सड़कों और सोशल मीडिया पर ये आवाजें नहीं सुननी पड़तीं और यह गुस्सा जारी नहीं रहता।”
क्यों हो रहा विरोध प्रदर्शन
हाल ही में बने GenZ 212 समूह के संस्थापक कौन हैं, यह कोई नहीं जानता। यह खुद को एक चर्चा का मंच बताते हैं, जहां स्वास्थ्य, शिक्षा और भ्रष्टाचार के खिलाफ जैसे सभी नागरिकों से जुड़े मुद्दों पर बात की जाती है। यह सामाजिक आंदोलन देश में सालों से सार्वजनिक सेवाओं को नजरअंदाज करने के चलते उभरा है। मोरक्को गहरी सामाजिक और क्षेत्रीय असमानताओं, बेरोजगारी और लगातार जारी भ्रष्टाचार से जूझ रहा है।
क्या हैं मांगें?
ग्रुप की मुख्य मांग मोरक्को के सार्वजनिक स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में सुधार है, जिन्हें प्रदर्शनकारी देश की सामाजिक असमानता का सबसे बुरा रूप मानते हैं।
मोरक्को के कई सार्वजनिक अस्पताल अब भी भीड़भाड़ और संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं, जबकि निजी स्वास्थ्य क्षेत्र की स्थिति बेहतर है। 2021 में यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज शुरू होने के बावजूद गरीब मोरक्कोवासियों के लिए इलाज तक पहुंचना अब भी मुश्किल है।
सार्वजनिक स्कूल भी अक्सर भारी भीड़ और निवेश की कमी से प्रभावित रहते हैं। सरकारी आंकड़े दिखाते हैं कि शिक्षा की कमी देश में गरीबी की बड़ी वजह है। हालांकि, गरीबी दर 2014 में लगभग 12% से घटकर 2024 में 6.8% पर आ गई है।
वर्ल्ड कप पर सवाल
GenZ 212 ने मोरक्को, स्पेन और पुर्तगाल के साथ 2030 वर्ल्ड कप की मेजबानी पर सीधे तौर पर कोई मांग नहीं रखी। लेकिन, कई मोरक्कोवासियों का मानना है कि इस समय स्वास्थ्य और शिक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, जब देश इस आयोजन से जुड़े बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है।
प्रदर्शनकारियों के नारों में यह मांग भी शामिल थी: स्टेडियम नहीं, स्वास्थ्य चाहिए।
समूह के एक सदस्य ने डिस्कॉर्ड पर लिखा कि यह मुद्दा इसलिए उठाया गया ताकि कहा जा सके कि जितनी मेहनत स्टेडियम बनाने में की जा रही है, उतनी ही अस्पताल बनाने में भी की जाए।
मोरक्को छह स्टेडियमों का नवीनीकरण कर रहा है और 2028 तक लगभग 1.7 अरब डॉलर की लागत से एक बड़ा नया स्टेडियम बनाने की योजना है। अन्य बड़े प्रोजेक्ट्स में रेलवे सुधार पर लगभग 9 अरब डॉलर, 5G इंटरनेट पर लगभग 7 अरब डॉलर और एयरपोर्ट्स पर लगभग 3.7 अरब डॉलर का निवेश शामिल है।