हमास की कैद में बंद बंधकों के परिवारों ने यरुशलम में इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के आधिकारिक आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने पीएम आवास के सामने डेरा डाला और गाजा शहर पर इजरायली सेना की कार्रवाई का विरोध किया। परिजनों का मानना है कि इजरायली हमलों के कारण हमास की कैद में मौजूद लोगों की जान को खतरा हो सकता है। विरोध प्रदर्शन में गाजा में बंधक बनाए गए 48 लोगों के रिश्तेदार भी शामिल थे। मतन जनगॉकर, मतन एंग्रेस्ट और रोम ब्रासलावस्की के माता-पिता सहित कई परिजन सड़क पर सो रहे थे। पुलिस ने पीएम आवास के सामने टेंट लगाने की अनुमति नहीं दी, इसलिए उन्होंने स्लीपिंग बैग में रात बिताई। बंधकों के परिवारों ने हटने से इनकार कर दिया है।
इजराइल-हमास जंग में 65 हजार मौतें हो चुकी हैं। हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हमला किया था, जिसमें 1200 इजराइली नागरिक मारे गए थे और 250 से ज्यादा नागरिकों को हमास ने बंधक बना लिया था। फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, गाजा में इजरायली हमलों में अब तक 64 हजार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। इजरायली हमलों के कारण सिर्फ गाजा से 19 लाख फिलिस्तीनी पलायन कर चुके हैं।
गाजा युद्ध विराम समझौते पर बातचीत जारी है। हमास ने अगस्त में कहा था कि वह एक समझौते पर सहमत हो गया है, जिसके तहत गाजा में 60 दिन के युद्ध विराम के दौरान 10 जीवित बंधकों और 18 मृत बंधकों के शव इजराइल को सौंपे जाएंगे। इस दौरान इजराइल सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों को भी रिहा करेगा।
हालांकि, नेतन्याहू ने कहा कि कोई भी समझौता तभी स्वीकार किया जाएगा जब उनकी सभी शर्तें पूरी हों, जिनमें हमास का हथियार डालना और गाजा पट्टी का डिमिलिटराइजेशन शामिल है। एक महीने बाद भी बंधकों की रिहाई नहीं हो पाई है।