कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में भारत और कनाडा के रिश्तों में खटास आ गई थी। अब, उन रिश्तों को सुधारने की कोशिशें हो रही हैं। कनाडा की एनएसए नथाली ड्रोइन और उप विदेश मंत्री डेविड मॉरिसन दिल्ली पहुंचे, जहां उन्होंने भारत के एनएसए अजीत डोभाल से मुलाकात की। यह दौरा दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य करने की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा है।
दोनों देशों के बीच एनएसए स्तर की बातचीत के बाद रिश्तों में नरमी आने के संकेत मिले हैं। इस बैठक को एक महत्वपूर्ण बदलाव माना जा रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि कनाडा के एनएसए ने हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ बातचीत की।
जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल के दौरान ड्रोइन और मॉरिसन ने दावा किया था कि गृह मंत्री अमित शाह अलगाववादियों को निशाना बनाने के पीछे थे। भारत ने इन आरोपों का खंडन किया था और उन्हें निराधार बताया था।
सितंबर 2024 में, ट्रूडो ने खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार की भूमिका का आरोप लगाया, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया। भारत ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था।
अजीत डोभाल और नथाली ड्रोइन के बीच हुई इस मुलाकात में दोनों पक्षों ने सकारात्मक रुख अपनाया। बातचीत में सुरक्षा, व्यापार और ऊर्जा को प्राथमिकता दी गई। भारत ने खालिस्तानी उग्रवाद और आतंकवादियों के प्रत्यर्पण का मुद्दा उठाया, जबकि कनाडा ने खुफिया जानकारी साझा करने और आतंकवाद विरोधी अभियानों में सहयोग की पेशकश की।