भारत और कनाडा ने अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने का निर्णय लिया है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने बताया कि यह सहमति भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और उनके कनाडाई समकक्ष नथाली ड्रोइन के बीच हुई बातचीत के बाद बनी है। दोनों ने दिल्ली में हुई बातचीत में आतंकवाद और अंतर्राष्ट्रीय अपराध से निपटने पर विशेष ध्यान दिया। डोभाल और ड्रोइन की बातचीत आतंकवाद विरोधी कार्रवाई, खुफिया जानकारी साझा करने और संगठित अपराध से निपटने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित रही। दोनों देशों ने क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों पर भी समान दृष्टिकोण बनाने पर जोर दिया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और कनाडा के नेताओं के बीच विश्वास बढ़ाने और सहयोग को बढ़ावा देने की प्रक्रिया तेजी से जारी है। यह बातचीत 2023 में सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद बिगड़े रिश्तों को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उस समय, कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसके बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आ गया था। अब दोनों देशों ने आपसी विश्वास स्थापित करने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। दिल्ली में एनएसए डोभाल और नथाली के बीच हुई इस मुलाकात की पृष्ठभूमि जी7 शिखर सम्मेलन में तैयार हुई थी। जून में कनाडा के कनानसकीस शहर में हुए जी7 शिखर सम्मेलन में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडाई पीएम मार्क कार्नी के बीच मुलाकात हुई थी, जिसे रिश्तों को स्थिर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना गया था। अप्रैल में कार्नी के प्रधान मंत्री बनने के बाद दोनों देशों के संबंधों में सुधार की उम्मीद जगी है। दोनों देशों ने अपनी-अपनी राजधानियों में नए राजदूत नियुक्त किए हैं, जिससे संवाद और सहयोग का एक नया दौर शुरू हुआ है।
ट्रूडो के बाद भारत-कनाडा संबंध: आतंकवाद और अपराध के खिलाफ सहयोग
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