
‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहलों के तहत भारत ने स्वदेशी रक्षा उद्योग के विस्तार में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने 1 दिसंबर, 2025 को वैश्विक हथियार उत्पादकों की नवीनतम रिपोर्ट जारी की, जिसमें दुनिया की शीर्ष 100 हथियार-उत्पादक कंपनियों की सूची दी गई है। भारत की तीन कंपनियां इस प्रतिष्ठित रैंकिंग में शामिल होकर गौरवान्वित हैं।
**कौन सी भारतीय कंपनियां सूची में शामिल हुईं?**
रिपोर्ट के अनुसार, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), जो लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस लड़ाकू विमान का निर्माण करती है, दुनिया के शीर्ष हथियार निर्माताओं में 44वें स्थान पर है। रडार और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम के लिए जानी जाने वाली भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) ने 58वां स्थान हासिल किया है।
वहीं, युद्धपोतों और पनडुब्बियों के प्रमुख उत्पादक मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड (MDL) को SIPRI सूची में 91वें स्थान पर रखा गया है।
**अमेरिका का दबदबा जारी**
रिपोर्ट से पता चलता है कि वैश्विक हथियार उत्पादकों में शीर्ष पांच में से चार कंपनियां अमेरिका में स्थित हैं, जिनमें लॉकहीड मार्टिन, आरटीएक्स, नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन और जनरल डायनेमिक्स शामिल हैं। शीर्ष पांच में एकमात्र गैर-अमेरिकी कंपनी यूके-स्थित बीएई सिस्टम्स है, जो चौथे स्थान पर है।
**रिकॉर्ड राजस्व दर्ज**
‘SIPRI टॉप 100 आर्म्स-प्रोड्यूसिंग एंड मिलिट्री सर्विसेज कंपनीज, 2024’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 में दुनिया के अग्रणी हथियार निर्माताओं की बिक्री 679 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई।
संयुक्त राज्य अमेरिका की शीर्ष तीन फर्मों (लॉकहीड मार्टिन, नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन और जनरल डायनेमिक्स) का संयुक्त राजस्व 2024 में 3.8 प्रतिशत बढ़कर 334 बिलियन डॉलर हो गया। वैश्विक स्तर पर शीर्ष 100 कंपनियों में से 39 अमेरिका की हैं, और इनमें से 30 ने साल भर राजस्व वृद्धि दर्ज की।
यह रैंकिंग न केवल अमेरिकी और यूरोपीय रक्षा फर्मों के प्रभुत्व को उजागर करती है, बल्कि भारत के रक्षा विनिर्माण क्षेत्र की बढ़ती ताकत और वैश्विक प्रासंगिकता का भी संकेत देती है। HAL, BEL और MDL के अपनी पहचान बनाने के साथ, भारत वैश्विक हथियार बाजार में एक गंभीर खिलाड़ी के रूप में भी स्थापित हो रहा है।





