
दुबई में बसे भारतीय ड्रग तस्कर पवन ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया गया है। सूत्रों के अनुसार, ठाकुर को जल्द ही भारत प्रत्यर्पित किए जाने की प्रबल संभावना है। यह गिरफ्तारी एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि ठाकुर पर हाल ही में दिल्ली में जब्त की गई ₹282 करोड़ की मेथ ड्रग्स का मास्टरमाइंड होने का संदेह है।
**दिल्ली में ₹282 करोड़ की मेथ जब्त: मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी**
राष्ट्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (NCB) ने हाल ही में दिल्ली में भारी मात्रा में मेथ ड्रग्स जब्त की थी। इस जब्त की गई खेप की कीमत लगभग ₹282 करोड़ बताई जा रही है। प्रारंभिक जांचों से पता चला है कि इस पूरे रैकेट के पीछे दुबई स्थित भारतीय तस्कर पवन ठाकुर का हाथ है। ठाकुर की गिरफ्तारी से इस अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट के भंडाफोड़ में एक महत्वपूर्ण कड़ी सामने आई है।
**पिछले साल ₹2,500 करोड़ के कोकीन रैकेट में भी नाम**
यह पहली बार नहीं है जब पवन ठाकुर का नाम किसी बड़े ड्रग रैकेट से जुड़ा है। पिछले साल नवंबर में दिल्ली में ₹2,500 करोड़ के एक बड़े कोकीन रैकेट का खुलासा हुआ था, जिसमें भी ठाकुर को मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा है। उसकी गिरफ्तारी से इन दोनों ही बड़े मामलों में जांच को गति मिलेगी।
**अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हुई कार्रवाई**
ठाकुर के खिलाफ सितंबर में इंटरपोल के माध्यम से सिल्वर नोटिस जारी किया गया था। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी उसके ठिकानों पर छापेमारी कर 118 बेनामी खातों को फ्रीज किया था। एनसीबी ने इंटरपोल के साथ मिलकर ठाकुर के खिलाफ पहला सिल्वर नोटिस जारी करने की पुष्टि की थी। एजेंसी के अनुसार, ठाकुर एक ‘भगोड़ा’ है और दिल्ली में पिछले नवंबर में जब्त की गई कोकीन के आयात, निर्यात और तस्करी का मुख्य सरगना है।
**हवाला नेटवर्क का संचालन**
एनसीबी का आरोप है कि ठाकुर दुबई और दिल्ली में अपने अड्डों से एक हवाला नेटवर्क का संचालन करता है। इस नेटवर्क के जरिए वह अवैध धन का प्रवाह करता है और नशीले पदार्थों की तस्करी से होने वाली कमाई को अपने सहयोगियों के माध्यम से वैध वित्तीय प्रणाली में खपाता है। वह 2019 से दुबई में रह रहा है और वहीं से अपने ड्रग तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग सिंडिकेट का संचालन कर रहा था। एनसीबी ने दिल्ली की एक अदालत में ठाकुर के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल कर दी है।





