नेपाल में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के कारण काठमांडू के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लगभग 400 भारतीय फंस गए हैं। विरोध प्रदर्शनों के चलते कई उड़ानें रद्द कर दी गई हैं, जिससे यात्री परेशान हैं। फंसे हुए लोगों ने अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि इमिग्रेशन पूरा होने के बाद भी उड़ान कंपनियों ने उन्हें हवाई अड्डे पर ही छोड़ दिया और एयरलाइन स्टाफ वहां से चला गया। यात्रियों की मदद के लिए कोई मौजूद नहीं है। एयरपोर्ट पर फंसे भारतीयों में डर का माहौल है, क्योंकि बाहर अफरा-तफरी मची हुई है।
यात्रियों के अनुसार, फ्लाइट स्टाफ ने इमिग्रेशन के बाद उनसे वापस जाने के लिए कहा, क्योंकि उड़ान रद्द हो गई थी, लेकिन उन्हें यह नहीं बताया गया कि कहां जाना है। जब यात्रियों ने बाहर के हालातों के कारण हवाई अड्डा छोड़ने से इनकार कर दिया, तो स्टाफ उन्हें छोड़कर चला गया। यात्रियों का कहना है कि उनकी मदद के लिए कोई नहीं है और वे कहां जाएं। हवाई अड्डे से एक किलोमीटर की दूरी पर हंगामा हो रहा है।
भारतीय दूतावास ने आपातकालीन नंबर जारी किए हैं, लेकिन हवाई अड्डे पर फंसे यात्रियों को भारत वापस लाने के लिए अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने नेपाल की स्थिति पर कहा है कि वे कल से नेपाल में हो रही घटनाओं पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और कई युवाओं की जान जाने से दुखी हैं। MEA ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। भारत ने नेपाल के हालातों को शांतिपूर्वक हल होने की उम्मीद जताई है। इसके अलावा, भारतीय नागरिकों को सावधानी बरतने और नेपाली अधिकारियों द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।