विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस से तेल खरीदने पर भारत के रुख का बचाव करते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय और वैश्विक हित में है। उन्होंने अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों को स्पष्ट रूप से कहा कि अगर उन्हें भारत का यह कदम पसंद नहीं है, तो वे भारत से तेल या रिफाइंड उत्पादों की खरीद न करें। जयशंकर ने जोर देकर कहा कि भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए स्वतंत्र रूप से निर्णय लेना जारी रखेगा।
जयशंकर ने कहा कि व्यापार समर्थक अमेरिकी प्रशासन का दूसरों पर व्यापार का आरोप लगाना हास्यास्पद है। उन्होंने कहा, “अगर आपको भारत से तेल या रिफाइंड प्रोडक्ट खरीदने में दिक्कत है, तो मत खरीदो। कोई आपको इसके लिए मजबूर नहीं कर रहा। यूरोप खरीदता है, अमेरिका खरीदता है। अगर आपको नहीं पसंद, न खरीदें।” उन्होंने यह भी कहा कि जब 2022 में तेल की कीमतें बढ़ीं, तो भारत की खरीद ने कीमतों को स्थिर करने में मदद की।
जयशंकर ने कहा कि भारत रूस के साथ व्यापार बढ़ाना चाहता है और रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत का रुख स्पष्ट है: भारत जल्द से जल्द समाधान चाहता है। उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता जारी है, लेकिन भारत किसानों और छोटे व्यवसायों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।