हाल ही में इजरायल और हमास के बीच एक महत्वपूर्ण शांति समझौते पर सहमति बनी है, जो गाजा में दो साल से चल रहे संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है। यह समझौता ऐसे समय में आया है जब पहले भी युद्धविराम और शांति स्थापित करने के कई प्रयास हो चुके हैं, लेकिन वे सभी असफल साबित हुए। यह जानना महत्वपूर्ण है कि इन पिछले शांति पहलों का क्या हश्र हुआ और क्यों वे अंजाम तक नहीं पहुंच सकीं।
यह नवीनतम समझौता 7 अक्टूबर, 2023 को हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले के बाद शुरू हुए युद्ध के संदर्भ में देखा जा रहा है। उस हमले में 1,200 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकांश नागरिक थे, और 251 लोगों को बंधक बनाया गया था।
**ट्रम्प की मध्यस्थता और पहली शांति डील (21 नवंबर, 2023):**
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषणा की थी कि इजरायल और हमास ने क्षेत्रीय संघर्ष को समाप्त करने के उद्देश्य से शांति समझौते के पहले चरण को लागू करने पर सहमति व्यक्त की है। कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी इस बात की पुष्टि की थी। इस सौदे के तहत, हमास द्वारा इजरायल के बंधकों की रिहाई और इजरायली सैनिकों की गाजा से वापसी शामिल थी। हालांकि, यह युद्धविराम केवल कुछ दिनों तक ही चला और इजरायल ने अपना युद्ध जारी रखा।
**दूसरी शांति डील (6 मई, 2024):**
मिस्र और कतर के अधिकारियों ने अमेरिका के साथ मिलकर एक नए समझौते पर काम किया। हमास ने 6 मई को एक प्रस्ताव स्वीकार कर लिया, जिसके तहत 33 इजरायली बंधकों को सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों के बदले रिहा किया जाना था, और इसके बाद इजरायली सेना गाजा से पूरी तरह हट जाती। लेकिन इजरायल ने इन शर्तों से असहमति जताई और राफा में सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी।
**तीसरी शांति डील (15 जनवरी, 2025):**
लगभग 15 महीने के युद्ध के बाद, जिसमें हजारों फिलिस्तीनियों की जान गई, 15 जनवरी, 2025 को एक और शांति समझौते पर सहमति बनी। इस युद्धविराम को लागू करने से ठीक पहले, इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने हमास द्वारा बंधकों के नाम बताने की शर्त रखी। नामों के सामने आने के बाद, युद्धविराम प्रभावी हुआ।
**असफलता के कारण:**
इन सभी पिछली शांति वार्ताओं में, अमेरिकी अधिकारियों ने अक्सर हमास पर समझौते की शर्तों को मानने में विफल रहने का आरोप लगाया। जटिल राजनीतिक स्थितियां, दोनों पक्षों के बीच विश्वास की कमी, और अंतिम लक्ष्यों पर असहमति प्रमुख कारण रहे हैं जिनकी वजह से ये शांति प्रयास बार-बार असफल हुए हैं। वर्तमान में, अमेरिकी राष्ट्रपति को उम्मीद है कि यह नया समझौता सफल होगा और लंबे समय से चल रहा युद्ध समाप्त होगा।