मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में आसियान शिखर सम्मेलन के इतर भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिकी विदेश सचिव एंटनी ब्लिंकन के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर गहन चर्चा की गई।
विदेश मंत्री जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इस मुलाकात की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि उन्हें अमेरिकी विदेश सचिव के साथ इन महत्वपूर्ण विषयों पर बातचीत करके प्रसन्नता हुई। उन्होंने लिखा, “आज सुबह कुआलालंपुर में @SecBlinken से मिलकर खुशी हुई। हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर हुई चर्चा की सराहना की।”
इस बैठक का महत्व इस बात में है कि यह ऐसे समय में हुई है जब भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी लगातार मजबूत हो रही है। हाल ही में, अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को लेकर भी कुछ कदम उठाए थे, जिस पर भारत ने चिंता जताई थी। अमेरिकी विदेश सचिव ब्लिंकन ने स्पष्ट किया था कि पाकिस्तान के साथ संबंध भारत के साथ अमेरिका की गहरी और ऐतिहासिक साझेदारी को प्रभावित नहीं करेंगे। उन्होंने कहा था कि नई दिल्ली को यह समझना चाहिए कि अमेरिका को वैश्विक कूटनीति के तहत विभिन्न देशों के साथ संबंध बनाए रखने की आवश्यकता है।
ब्लिंकन ने भारत की कूटनीतिक परिपक्वता की भी प्रशंसा की थी, यह स्वीकार करते हुए कि भारत जैसे देश अक्सर उन देशों के साथ भी संबंध रखते हैं जिनके साथ अमेरिका के संबंध नहीं होते। यह एक परिपक्व और व्यावहारिक विदेश नीति का हिस्सा है।
इस बीच, भारत ने 22वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से भाग लिया और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, आसियान-भारत मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की समीक्षा और समुद्री सुरक्षा जैसे प्रमुख सहयोग क्षेत्रों पर जोर दिया। उन्होंने आतंकवाद को वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती बताया और इसके खिलाफ एकजुटता की आवश्यकता पर बल दिया।






