विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने वैश्विक रोजगार में बदलते रुझानों पर प्रकाश डाला और कहा कि एक वैश्विक कार्यबल का उदय समकालीन आवश्यकताओं के अनुरूप होगा।

जयशंकर न्यूयॉर्क में वार्षिक ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) ऑनलाइन पैनल चर्चा में ‘विकास का हृदय: सहायता, व्यापार और प्रौद्योगिकी’ विषय पर बोल रहे थे।
उन्होंने वैश्विक अनिश्चितता पर नेविगेट करने पर अंतर्दृष्टिपूर्ण विचार साझा किए, जिसमें चार प्रमुख रुझानों पर प्रकाश डाला गया: आत्मनिर्भरता, प्रौद्योगिकी अपनाना, बहुध्रुवीयता और दक्षिण-दक्षिण सहयोग, जो एक-दूसरे को मजबूत करते हैं और एक नए वैश्विक परिदृश्य को आकार दे रहे हैं; और समकालीन जरूरतों के अनुकूल वैश्विक कार्यबल का विकास, जो कौशल, गतिशीलता और डिजिटल क्षमताओं में बदलाव को दर्शाता है।
उन्होंने टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को दूर करने, नई प्राथमिकताओं और प्रवाह को बढ़ावा देने और अनुकूलनशील व्यापार व्यवस्था बनाने के लिए भौतिक और डिजिटल दक्षता का लाभ उठाने के लिए लचीले व्यापार मार्गों पर भी प्रकाश डाला। भविष्य को परिभाषित करने वाले रुझानों पर जोर देते हुए, उन्होंने कहा: ‘आत्मनिर्भरता, प्रौद्योगिकी, बहुध्रुवीयता और दक्षिण-दक्षिण सहयोग सभी एक-दूसरे को मजबूत करते हैं।’ उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्थाएँ चुनौतियों का सामना कैसे करेंगी, इस पर व्यापार कैसे अनुकूलित होगा।





